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तिरुपति बालाजी मंदिर का इतिहास और रहस्य

Tirupati Balaji Temple history

-: Tirupati Balaji Temple history :-

तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर भी कहा जाता है, आंध्र प्रदेश के तिरुमला पर्वत पर स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर को समर्पित है। यह दुनिया के सबसे धनी और सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

इतिहास

  1. प्राचीन इतिहास:
    मंदिर का इतिहास लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने कलियुग में भक्तों को दर्शन देने के लिए वेंकटेश्वर रूप में तिरुमला पर्वत पर अवतार लिया था।

  2. चोल और पल्लव राजवंश:
    9वीं शताब्दी में चोल राजाओं ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद, 15वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेव राय ने मंदिर का विस्तार कराया।

  3. ब्रिटिश काल में:
    अंग्रेजों के शासन के दौरान भी मंदिर की प्रतिष्ठा बनी रही। 1933 में, मंदिर का प्रशासन एक ट्रस्ट के अंतर्गत लाया गया, जो आज भी मंदिर का संचालन करता है।

रहस्यमय तथ्य

  1. बालाजी की प्रतिमा पर उगते हैं बाल:
    भगवान बालाजी की मूर्ति पर वास्तविक बाल उगते हैं। कहा जाता है कि ये बाल कभी उलझते नहीं और हमेशा कोमल रहते हैं।

  2. मूर्ति का पसीना आना:
    मान्यता है कि भगवान बालाजी की प्रतिमा को रोज स्नान कराने के बाद भी उनके शरीर से पसीना आता है। मंदिर के पुजारी इसे विशेष कपड़े से पोंछते हैं।

  3. जलने की सुगंध:
    प्रतिमा के पीछे से कभी-कभी जलने जैसी सुगंध आती है। कहा जाता है कि यह भगवान के सिर पर प्रहलाद द्वारा रखे गए गर्म घी का प्रभाव है, जो आज भी महसूस किया जाता है।

  4. दीपक का रहस्य:
    मंदिर में एक दीपक पिछले कई वर्षों से निरंतर जल रहा है, जिसे बुझाया नहीं जाता। इसे अक्षय दीपक कहा जाता है।

  5. दक्षिण दिशा की मूर्ति:
    भगवान बालाजी की मूर्ति का चेहरा दक्षिण दिशा में है, जबकि अधिकांश हिंदू मंदिरों में प्रतिमाएं पूर्व दिशा में स्थापित होती हैं।

अन्य रहस्य

मान्यताएँ और आस्था

महत्वपूर्ण जानकारी

बालाजी की प्रतिमा का जीवंत स्वरूप

मंदिर में स्वर्ण धारा

दान में करोड़ों का चढ़ावा

भगवान बालाजी की साड़ी और आभूषण

बालाजी के चरणों में रहस्यमय ध्वनि

मंदिर का वास्तु रहस्य

रहस्यमयी घंटियों की आवाज

भगवान के चरणों में शंख और चक्र का निशान

मंदिर में कपाट बंद होने पर भी आरती होती है

तिरुपति बालाजी का लड्डू प्रसादम का रहस्य

भगवान बालाजी का मुकुट – अनोखा रहस्य

बालाजी के कान में मधुमक्खी का वास

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बालाजी के चरणों में बहता जल

दान का रहस्य

मंदिर की पहाड़ी का रहस्य

कभी न बुझने वाला दीपक

प्रसाद का रहस्य

मंदिर के पुजारी का दिव्य अनुभव

मंदिर के घंटों की ध्वनि का रहस्य

भगवान बालाजी के चरणों में दिव्य कंपन

तिरुमला में बिना पत्तों वाला वृक्ष

बालाजी के चरणों पर पड़ने वाली चंदन की खुशबू

भगवान के मुकुट का प्रकाश

बालाजी की मूर्ति का वजन

मूर्ति के पीछे रहस्यमयी ध्वनि

चमत्कारी जल स्रोत

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बालाजी मंदिर का प्रसाद कभी खत्म नहीं होता

बालाजी के चरणों में शेषनाग का निशान

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