Site icon avantikatimes

आखिर ‘हड़प्पा सभ्यता’ का अंत कैसे हुआ?

Harappan religion and beliefs

-: Harappan religion and beliefs :-

‘हड़प्पा सभ्यता’ (जिसे सिंधु घाटी सभ्यता भी कहा जाता है) का अंत आज भी एक रहस्य बना हुआ है, लेकिन इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने इसके अंत के पीछे कुछ प्रमुख कारणों की संभावना जताई है। इनमें से कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

1. प्राकृतिक आपदाएँ 

2. जलवायु परिवर्तन 

3. आर्थिक पतन और व्यापार में गिरावट 

4. आर्यों का आगमन (विवादास्पद सिद्धांत) 

5. सामाजिक-राजनीतिक ढांचे में गिरावट 

निष्कर्ष 

हड़प्पा सभ्यता का अंत किसी एक कारण से नहीं हुआ, बल्कि यह एक धीमी प्रक्रिया थी जिसमें प्राकृतिक, आर्थिक, और सामाजिक बदलाव शामिल थे। कुछ स्थलों पर लोग धीरे-धीरे गाँवों में बस गए, जिससे सभ्यता नगरीय से ग्रामीण रूप में बदल गई।

हड़प्पा सभ्यता का पतन: टाइमलाइन

कालखंड घटनाएँ
2600–1900 BCE (परिपक्व हड़प्पा काल)  शहरों की स्थापना (मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल, धोलावीरा आदि), व्यवस्थित नगर योजना, जल प्रबंधन, व्यापार का उत्कर्ष
1900–1700 BCE (उत्तर-हड़प्पा काल / पतन की शुरुआत) शहरों का धीरे-धीरे परित्याग, नदी मार्गों में बदलाव, जलवायु परिवर्तन के संकेत, व्यापार में गिरावट
1700–1300 BCE (स्थायी पतन) नगरीय जीवन समाप्त, लोग छोटे गाँवों की ओर स्थानांतरित हुए, सभ्यता का देहाती स्वरूप में रूपांतरण

कुछ प्रमुख स्थल और वहाँ मिले पतन के संकेत

यह भी पढ़े :-👇

महावीर जयंती का इतिहास

स्थल पतन के संकेत
मोहनजोदड़ो बार-बार बाढ़ के संकेत, अव्यवस्थित भवन निर्माण
हड़प्पा निर्माण में गिरावट, व्यापारिक वस्तुओं की कमी
धोलावीरा जल प्रबंधन प्रणाली का क्षरण
कालीबंगन अग्निकुंडों का उपयोग बंद, सूखे के संकेत

पतन के बाद क्या हुआ?

उत्तर-हड़प्पा काल (Post-Harappan Period)

(लगभग 1900 BCE – 1300 BCE)

उत्तर-हड़प्पा काल हड़प्पा सभ्यता के बाद का चरण था, जिसमें सभ्यता के कई तत्व बचे रहे लेकिन उसका स्वरूप बदल गया था।

🔸 विशेषताएँ:

तत्व बदलाव
नगरीय जीवन बड़े शहर समाप्त, छोटे गाँवों का विकास
व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ठप, स्थानीय स्तर पर व्यापार जारी
कला और शिल्प नई शैली के बर्तन और औज़ार बनने लगे
लिखित लिपि हड़प्पा की लिपि गायब हो गई (अब तक अपठनीय भी है)
धार्मिक परंपराएँ पीपल, शिव-लिंग जैसे प्रतीकों का चलन जारी रहा

उत्तर-हड़प्पा के प्रमुख स्थल

स्थान विशेष जानकारी
राखीगढ़ी (हरियाणा) हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा ज्ञात स्थल
भोगावों (पंजाब) उत्तर-हड़प्पा संस्कृति के महत्त्वपूर्ण संकेत
आलमगीरपुर (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) गंगा-यमुना घाटी की ओर विस्तार का प्रमाण

हड़प्पा से वैदिक संस्कृति की ओर बदलाव

हड़प्पा सभ्यता की विरासत

हड़प्पा सभ्यता की धार्मिक मान्यताएँ

हड़प्पावासियों की धार्मिक मान्यताओं को समझने के लिए हमारे पास कोई ग्रंथ नहीं हैं, लेकिन जो कुछ मूर्तियाँ, मुहरें और कलाकृतियाँ मिली हैं, उनसे काफी कुछ अंदाज़ा लगाया गया है।


प्रमुख धार्मिक प्रतीक और संकेत

प्रतीक / वस्तु क्या दर्शाता है?
पशुपति मुहर एक योगमुद्रा में बैठा व्यक्ति, जिसके चारों ओर जानवर हैं — कुछ विद्वान इसे शिव का प्रारंभिक रूप मानते हैं।
पीपल के पत्ते और वृक्ष पवित्र वृक्ष का प्रतीक — बाद में हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में भी महत्व
प्रजनन प्रतीक स्त्री मूर्तियाँ (मातृदेवी) — उर्वरता और शक्ति का प्रतीक
नाग/सर्प चित्रण शायद सुरक्षा या पूजन से जुड़ा प्रतीक
अग्निकुंड जैसे ढाँचे धार्मिक अनुष्ठानों में अग्नि की भूमिका का संकेत

योग और ध्यान की झलक?

कुछ मुहरों में बैठे हुए योगमुद्रा के चित्र मिले हैं। इससे लगता है कि ध्यान, आसन या तपस्या जैसी अवधारणाएँ उस समय मौजूद थीं।

जानवरों की पूजा या प्रतीकात्मकता

जानवर संभावित महत्व
सांड़ (Bull) शक्ति, कृषि और उर्वरता का प्रतीक
गैंडा, हाथी, बाघ पशुपति मुहर में दर्शित — शक्ति और प्रकृति से जुड़ाव
एक सींग वाला जानवर (यूनिकॉर्न) रहस्यमयी प्रतीक — आज तक इसका स्पष्ट अर्थ पता नहीं

धार्मिक स्थल?

निष्कर्ष

हड़प्पा धर्म प्रकृति, उर्वरता, और योग-तपस्या पर आधारित था। इसमें संगठित धर्म या देवमंदिर की बजाय लोक-आधारित पूजा पद्धति थी। कई प्रतीकों की छवि बाद की वैदिक और हिंदू संस्कृति में भी मिलती है, जिससे पता चलता है कि हड़प्पा की धार्मिक सोच ने आगे चलकर भारतीय सभ्यता की नींव रखी।

अगर चाहो तो अगली बार हम बात कर सकते हैं:

जुड़िये हमारे व्हॉटशॉप अकाउंट से- https://chat.whatsapp.com/JbKoNr3Els3LmVtojDqzLN
जुड़िये हमारे फेसबुक पेज से – https://www.facebook.com/profile.php?id=61564246469108
जुड़िये हमारे ट्विटर अकाउंट से – https://x.com/Avantikatimes
जुड़िये हमारे यूट्यूब अकाउंट से – https://www.youtube.com/@bulletinnews4810 

Exit mobile version