Site icon avantikatimes

महावीर जयंती का इतिहास

Mahavir Jayanti 2025

-: Mahavir Jayanti 2025 :-

महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। यह जैन समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।

भगवान महावीर का जन्म:

उनका जीवन और उपदेश:

महावीर जयंती कब मनाई जाती है:

महावीर जयंती की परंपराएं:

भगवान महावीर के 5 प्रमुख उपदेश (Mahavir Swami ke 5 Mukhya Updesh) — जो आज भी हमारे जीवन को शांति और सरलता की ओर ले जा सकते हैं:

1. अहिंसा परमो धर्मः (अहिंसा ही परम धर्म है)

2. सत्य (Truth)

3. अस्तेय (चोरी न करना)

4. ब्रह्मचर्य (इंद्रियों पर नियंत्रण)

यह भी पढ़े :-👇

हेलीकॉप्टर का आविष्कार कब और किसने किया था ?

5. अपरिग्रह (मोह का त्याग)

भगवान महावीर स्वामी के जीवन से जुड़ी एक प्रेरणादायक छोटी कहानी

अहिंसा का सच्चा अर्थ

एक बार भगवान महावीर गहन तपस्या में लीन थे। वे एक पेड़ के नीचे ध्यानमग्न बैठे थे। तभी एक चरवाहा अपने गायों के झुंड के साथ वहाँ से गुज़रा।

चरवाहे ने भगवान महावीर को ध्यान में लीन देखा और सोचा — “ये व्यक्ति यहाँ बैठा है, मेरी गायों पर नज़र रखेगा।” इसलिए वह चरवाहे ने महावीर से कहा:

“मैं थोड़ी देर के लिए अपनी गायें यहाँ छोड़ रहा हूँ, इनका ध्यान रखना।”

भगवान महावीर मौन थे, ध्यान में लीन, उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया।

चरवाहा गया, लेकिन जब वह वापस लौटा तो उसकी कुछ गायें खो चुकी थीं। वह बहुत गुस्से में आया और सोचने लगा कि इस साधु ने ज़रूर मेरी गायें कहीं भेज दी होंगी।

उसने महावीर स्वामी को गाली दी, डांटा, और यहाँ तक कि एक डंडा उठाकर मारने की कोशिश भी की — लेकिन महावीर स्वामी के चेहरे पर न कोई डर, न क्रोध। वे बस शांत और स्थिर थे।

चरवाहा थक गया, और थोड़ी ही देर में गायें वापस आ गईं।

अब चरवाहे को अपनी गलती का एहसास हुआ। वह महावीर स्वामी के चरणों में गिर पड़ा और माफी मांगी।

महावीर स्वामी ने मुस्कराकर कहा:

“जब तुम मुझे गाली दे रहे थे, मैं किसी गाली को अपने भीतर जाने नहीं दे रहा था। तुमने जो कहा, वो तुम्हारे पास ही रह गया। और अहिंसा यही है — किसी के क्रोध, गुस्से या हिंसा को अपने भीतर न आने देना।”

सीख:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अहिंसा सिर्फ शारीरिक न हो — बल्कि मन, वाणी और विचारों में भी होनी चाहिए।

भगवान महावीर स्वामी के प्रेरणादायक सुविचार:

  1. “अहिंसा ही परम धर्म है।”
    — जीवन का सबसे बड़ा धर्म है किसी भी प्राणी को कष्ट न पहुँचाना।

  2. “क्रोध से भ्रम उत्पन्न होता है, भ्रम से बुद्धि व्याकुल होती है।”
    — संयम ही जीवन की सच्ची शक्ति है।

  3. “स्वयं पर विजय प्राप्त करना, लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बड़ा है।”

  4. “जो आत्मा को जानता है, वही परमात्मा को जानता है।”

  5. “सच्चा धर्म वह है, जो सभी प्राणियों में करुणा और प्रेम पैदा करे।”

  6. “पाप न करने का विचार ही सबसे बड़ा पुण्य है।”

  7. “ज्ञान से बढ़कर कोई शक्ति नहीं, और अज्ञान से बड़ा कोई अंधकार नहीं।”

  8. “मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अपना क्रोध, घमंड और लोभ है।”

  9. “तू अपने विचारों से पवित्र होता है, कर्मों से नहीं।”

  10. “मौन और क्षमा, आत्मा को ऊँचाई पर ले जाते हैं।”

भगवान महावीर स्वामी से जुड़ी रोचक बातें:

  1. भगवान महावीर का जन्म जयंति राजा सिद्धार्थ के यहाँ हुआ, लेकिन उन्होंने राजसी सुखों को त्याग दिया।

  2. उन्होंने 30 वर्ष की उम्र में घर-बार छोड़ दिया और 12 वर्षों तक कठोर तपस्या की।

  3. महावीर स्वामी को ‘निर्वाण’ (मोक्ष) 72 वर्ष की उम्र में मिला। उन्होंने पावापुरी (बिहार) में देह त्यागी।

  4. उनकी शिक्षा थी – “जियो और जीने दो।”
    यह सिद्धांत आज भी दुनियाभर में शांति और सह-अस्तित्व का प्रतीक माना जाता है।

  5. उन्होंने कोई किताब स्वयं नहीं लिखी, लेकिन उनके उपदेशों को उनके अनुयायियों ने ‘आगम सूत्रों’ में संकलित किया।

  6. जैन धर्म के पाँच प्रमुख व्रत –
    अहिंसा
    सत्य
    अस्तेय
    ब्रह्मचर्य
    अपरिग्रह
    — ये सभी महावीर स्वामी द्वारा प्रचारित किए गए थे।

  7. उनका प्रभाव न केवल भारत, बल्कि श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल और इंडोनेशिया तक फैला हुआ है।

  8. भारत सरकार ने उनके 2500वें निर्वाण वर्ष पर 2001 में एक डाक टिकट भी जारी किया था।

जुड़िये हमारे व्हॉटशॉप अकाउंट से- https://chat.whatsapp.com/JbKoNr3Els3LmVtojDqzLN
जुड़िये हमारे फेसबुक पेज से – https://www.facebook.com/profile.php?id=61564246469108
जुड़िये हमारे ट्विटर अकाउंट से – https://x.com/Avantikatimes
जुड़िये हमारे यूट्यूब अकाउंट से – https://www.youtube.com/@bulletinnews4810

Exit mobile version