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-: Dewas Tekri :-
देवास की टेकरी, जिसे माता टेकरी भी कहा जाता है, मध्य प्रदेश के देवास शहर में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान माँ तुलजा भवानी और चामुंडा माता के मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जो इस पहाड़ी की चोटी पर स्थित हैं। लेकिन इस प्रसिद्ध स्थल के पीछे कई अनसुनी कहानियाँ भी छिपी हुई हैं, जिन्हें कम ही लोग जानते हैं।
1. दो बहनों की पौराणिक कथा
कहा जाता है कि टेकरी पर स्थित दो प्रमुख मंदिरों में विराजमान देवी चामुंडा माता और तुलजा भवानी माता, दो बहनें थीं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, ये दोनों देवियाँ एक साथ इस पहाड़ी पर आई थीं। किंवदंती है कि जब दोनों बहनों ने इस स्थान को अपना निवास बनाने का निश्चय किया, तो उन्होंने एक परीक्षा ली। उन्होंने तय किया कि जो पहले सूर्योदय से पहले स्नान करके वापस आएगी, वह पहाड़ी की ऊपरी चोटी पर विराजमान होगी। चामुंडा माता पहले स्नान करके लौट आईं, इसलिए वे पहाड़ी की ऊँचाई पर स्थित हैं, जबकि तुलजा भवानी माता उनसे थोड़ी नीचे विराजमान हैं।
2. राजा उदयन और टेकरी का रहस्य
देवास रियासत के शासक राजा उदयन का इस टेकरी से गहरा नाता बताया जाता है। कहा जाता है कि राजा उदयन ने इस पहाड़ी को अपनी आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र माना था। वे नियमित रूप से यहाँ ध्यान करते थे और मान्यता है कि माता तुलजा भवानी ने उन्हें एक दिव्य दर्शन देकर आशीर्वाद दिया था, जिसके बाद उन्होंने इस स्थान पर मंदिर बनवाया।
3. गुप्त सुरंगों का रहस्य
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, टेकरी के नीचे गुप्त सुरंगें हैं, जो प्राचीन काल में इस स्थान को देवास के किले और अन्य धार्मिक स्थलों से जोड़ती थीं। कई लोग मानते हैं कि इन सुरंगों का उपयोग युद्ध के समय शरण लेने और आपातकालीन मार्ग के रूप में किया जाता था। हालांकि, आज तक इन सुरंगों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन इस रहस्य को लेकर लोगों में अब भी गहरी जिज्ञासा बनी हुई है।
4. आधी रात को बजने वाली घंटियाँ
कई श्रद्धालु और स्थानीय लोग दावा करते हैं कि आधी रात के समय कभी-कभी मंदिर में घंटियाँ स्वतः बजती हैं, जबकि वहाँ कोई नहीं होता। इसे माता की दिव्य उपस्थिति माना जाता है और कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से यहाँ आकर मनोकामना करता है, उसकी इच्छा अवश्य पूरी होती है।
5. अघोरी साधुओं की साधना
पुराने समय में, टेकरी को तंत्र-मंत्र और अघोरी साधना का भी केंद्र माना जाता था। ऐसी मान्यता है कि यहाँ कई अघोरी साधु तपस्या करते थे और देवी माँ की कृपा से अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त करते थे। कहा जाता है कि अब भी कुछ गुप्त स्थानों पर साधक विशेष तिथियों पर साधना करने आते हैं।
6. टेकरी पर मौजूद सिद्ध योगियों की गुफाएँ
देवास टेकरी पर कुछ गुप्त गुफाएँ भी मौजूद हैं, जिनमें प्राचीन काल में कई सिद्ध योगी और साधु तपस्या किया करते थे। स्थानीय लोगों का मानना है कि कुछ गुफाएँ अब भी रहस्यमयी शक्तियों से युक्त हैं और वहाँ प्रवेश करना आम लोगों के लिए संभव नहीं है। कुछ लोग कहते हैं कि अगर कोई साधारण व्यक्ति गलती से उन गुफाओं में चला जाए, तो वह रास्ता भटक सकता है और वापस नहीं लौट पाता। हालांकि, इन गुफाओं की सटीक जानकारी बहुत कम लोगों को ही है।
7. अंग्रेजों का हमला और माता का चमत्कार
ब्रिटिश शासन के दौरान, एक बार अंग्रेजों ने इस पहाड़ी पर हमला करने की कोशिश की थी। कहा जाता है कि जब उन्होंने पहाड़ी पर चढ़ने की कोशिश की, तो अचानक घना कोहरा छा गया और उन्हें कुछ भी दिखाई देना बंद हो गया। कुछ सैनिकों ने तो यह भी बताया कि उन्होंने पहाड़ी के ऊपर एक विशाल देवी का स्वरूप देखा, जिससे डरकर वे भाग खड़े हुए। इस घटना के बाद, अंग्रेजों ने कभी भी इस स्थान पर हमला करने की कोशिश नहीं की।
8. रहस्यमयी दीपक जो स्वयं जलता है
टेकरी पर स्थित एक स्थान पर एक रहस्यमयी दीपक जलता है, जिसे “अखंड दीप” कहा जाता है। मान्यता है कि यह दीपक बिना किसी के जलाए स्वयं जल उठता है और यह माता की कृपा का प्रतीक माना जाता है। कई श्रद्धालु इसे चमत्कार मानते हैं और इसके दर्शन के लिए विशेष रूप से आते हैं।
9. गुप्त खजाने की कहानियाँ
टेकरी से जुड़ी एक और रोचक कथा यह भी है कि यहाँ कहीं एक गुप्त खजाना छिपा हुआ है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में कई राजाओं और संतों ने यहाँ अपने बहुमूल्य रत्न और सोना छिपाकर रखा था। हालांकि, इस खजाने की खोज करने वाले कई लोगों को असफलता ही मिली, क्योंकि माना जाता है कि यह खजाना देवी माँ के आशीर्वाद से सुरक्षित है और केवल वही इसे प्राप्त कर सकता है, जिसे माँ की विशेष कृपा प्राप्त हो।
10. भक्तों की अधूरी मनोकामनाएँ पूरी करने वाला स्थल
ऐसा कहा जाता है कि टेकरी पर आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, लेकिन कुछ लोगों की इच्छाएँ किसी कारणवश अधूरी रह जाती हैं। कहा जाता है कि ऐसे भक्तों की अधूरी मनोकामनाएँ उनकी अगली पीढ़ी या परिवार के किसी अन्य सदस्य के माध्यम से पूरी होती हैं। यह माता का आशीर्वाद ही है कि अगर कोई सच्चे मन से माँ की आराधना करता है, तो उसकी मनोकामना कभी अधूरी नहीं रहती।
11. देवताओं की गुप्त सभा
कई मान्यताओं के अनुसार, देवास टेकरी को सिर्फ भक्तों और साधकों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वयं देवताओं की गुप्त सभाओं के लिए भी जाना जाता है। कुछ पुराने ग्रंथों और स्थानीय लोककथाओं में बताया गया है कि पूर्णिमा और अमावस्या की रातों में यहाँ अदृश्य शक्तियों की हलचल महसूस की जाती है। कुछ साधकों ने ध्यान के दौरान यहाँ देवताओं के स्वरूप देखने का दावा भी किया है।
12. जलकुंड का रहस्य
माता तुलजा भवानी के मंदिर के पास एक रहस्यमयी जलकुंड स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका जल कभी सूखता नहीं। पुराने समय में, जब सूखा पड़ता था, तो स्थानीय लोग यहाँ आकर पूजा-अर्चना करते थे और इसके जल से वर्षा की कामना करते थे। मान्यता है कि इस कुंड का जल दिव्य है और इसके संपर्क में आने से शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
13. टेकरी पर स्थित अदृश्य शिवलिंग
कुछ श्रद्धालुओं और साधकों का दावा है कि टेकरी पर एक अदृश्य शिवलिंग भी स्थित है, जिसे केवल वे ही देख सकते हैं जिनकी भक्ति सच्ची होती है। कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं और यहाँ ध्यान करने से साधकों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह स्थान साधकों के लिए एक सिद्ध क्षेत्र माना जाता है।
14. सैकड़ों साल पुरानी मूर्तियाँ और उनके स्थान बदलने का रहस्य
टेकरी पर कई प्राचीन मूर्तियाँ स्थापित हैं, लेकिन कुछ भक्तों और पुजारियों का दावा है कि कुछ मूर्तियों का स्थान कभी-कभी अपने आप बदल जाता है। यह रहस्य आज तक अनसुलझा है, लेकिन इसे माता की शक्ति का चमत्कार माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी इस बदलाव को देखता है, उसे जीवन में विशेष सफलता प्राप्त होती है।
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15. सपनों में आने वाली देवी माँ की चेतावनी
देवास टेकरी से जुड़ी एक और अनोखी मान्यता यह है कि माता उन भक्तों को स्वप्न में दर्शन देती हैं, जो किसी संकट में होते हैं या जिनकी भक्ति सच्ची होती है। कई श्रद्धालुओं ने बताया है कि माता ने उन्हें स्वप्न में आकर किसी विशेष कार्य को करने की प्रेरणा दी, और जब उन्होंने वैसा किया, तो उनका जीवन बदल गया।
16. चमत्कारी घंटा और उसकी शक्ति
मंदिर परिसर में एक विशाल घंटा स्थापित है, जिसे चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि अगर कोई भक्त इस घंटे को पूरी श्रद्धा के साथ बजाता है, तो उसकी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि जब इस घंटे को बजाया जाता है, तो आसपास की नकारात्मक ऊर्जाएँ समाप्त हो जाती हैं और वातावरण पवित्र हो जाता है।
17. माता की पालकी और दिव्य प्रकाश
हर साल नवरात्रि के दौरान माता की विशेष पालकी यात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। लेकिन इस यात्रा से जुड़ी एक रहस्यमयी घटना यह भी है कि कुछ भक्तों ने यात्रा के दौरान पहाड़ी की चोटी पर एक दिव्य प्रकाश देखा है। इसे देवी माँ की उपस्थिति का संकेत माना जाता है और इसे देखने वाले भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है।
18. माता की मूर्ति का अपने आप प्रकट होना
कहा जाता है कि देवास टेकरी पर माता तुलजा भवानी और चामुंडा माता की मूर्तियाँ किसी राजा या भक्त द्वारा स्थापित नहीं की गई थीं, बल्कि ये स्वयं प्रकट (स्वयंभू) हुई थीं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, यहाँ के जंगलों में साधु-संतों ने ध्यान करते हुए दिव्य ऊर्जा महसूस की, जिसके बाद खुदाई करने पर माता की प्रतिमाएँ मिलीं। यह भी कहा जाता है कि जब इन मूर्तियों को हटाकर अन्यत्र स्थापित करने का प्रयास किया गया, तो वे पुनः उसी स्थान पर प्रकट हो गईं।
19. टेकरी पर सुनी जाने वाली रहस्यमयी आवाज़ें
कुछ भक्तों और स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि देर रात के समय टेकरी पर रहस्यमयी मंत्रोच्चारण और घंटियों की आवाज़ें सुनाई देती हैं। खासकर अमावस्या और पूर्णिमा की रातों में यह अनुभव अधिक महसूस किया जाता है। कुछ लोग इसे साधकों की साधना का प्रभाव मानते हैं, तो कुछ इसे स्वयं देवी माँ की उपस्थिति का संकेत मानते हैं।
20. माता के वाहन सिंह के पदचिह्न
टेकरी पर एक स्थान पर शिला पर बने अद्भुत चिह्न पाए जाते हैं, जिन्हें माता के वाहन सिंह के पैरों के निशान माना जाता है। कहा जाता है कि जब माता ने इस स्थान को अपने निवास के रूप में चुना, तब उनका वाहन सिंह यहाँ ठहरा था और उसके पदचिह्न पत्थर पर अंकित हो गए। भक्त यहाँ आकर इन चिह्नों की पूजा करते हैं और इसे माता का दिव्य चमत्कार मानते हैं।
21. रहस्यमयी दीप, जो बुझता नहीं
मंदिर के गर्भगृह में एक दीपक जलता है, जिसे “अखंड दीप” कहा जाता है। मान्यता है कि यह दीपक सदियों से बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के जल रहा है। कई बार इसे बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार यह पुनः जल उठता है। इसे देवी की कृपा और उनकी असीम शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
22. माता के दर्शन के बाद जीवन बदलने की कहानियाँ
बहुत से भक्तों का कहना है कि टेकरी पर देवी माँ के दर्शन करने के बाद उनके जीवन में चमत्कारी बदलाव आए। कुछ ने असाध्य बीमारियों से मुक्ति पाई, तो कुछ को अचानक आर्थिक या व्यावसायिक सफलता मिली। कई भक्तों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से माता की आराधना करता है, तो उसे अवश्य ही माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
23. गुप्त संतों का आश्रम
टेकरी के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहाँ अब भी कुछ गुप्त संत और साधु साधना करते हैं। ये संत आम लोगों के सामने नहीं आते, लेकिन कई श्रद्धालु दावा करते हैं कि वे विशेष साधकों को आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि ये संत वर्षों से तपस्या कर रहे हैं और उन्हें दिव्य शक्तियाँ प्राप्त हैं।
24. जलती हुई चिता पर ध्यान करने वाले साधु
पुराने समय में टेकरी को तांत्रिक साधना का भी केंद्र माना जाता था। यहाँ कई सिद्ध तांत्रिक जलती हुई चिता पर बैठकर साधना किया करते थे। कहा जाता है कि वे माता की कृपा से अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त कर लेते थे। हालाँकि, अब इस प्रकार की साधनाएँ कम देखने को मिलती हैं, लेकिन अब भी कुछ साधक विशेष अवसरों पर यहाँ आकर साधना करते हैं।
25. भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करने वाला दिव्य वृक्ष
टेकरी पर एक प्राचीन वृक्ष स्थित है, जिसे “मनोकामना वृक्ष” कहा जाता है। मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति इस वृक्ष के नीचे बैठकर सच्चे मन से माता से अपनी इच्छा व्यक्त करता है, तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। बहुत से श्रद्धालु यहाँ आकर इस वृक्ष की पूजा करते हैं और अपनी इच्छाएँ माँ से साझा करते हैं।
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