नवरात्रि 2025: क्या वाकई सफेद नमक से ज़्यादा फायदेमंद है सेंधा नमक? सच्चाई जानकर हैरान रह जाएंगे आप
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-: Navaratri 2025 :-
आयुर्वेद में इसे बहुत शुद्ध माना जाता है, इसलिए उपवास के दौरान इसका उपयोग किया जाता है। सेंधा नमक में सफेद नमक की तुलना में सोडियम की मात्रा कम होती है, जिससे यह हृदय रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन जाता है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि व्रत के दौरान सिर्फ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सदियों से चली आ रही इस परंपरा के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी है?
हर बार जब हम व्रत रखते हैं, तो बिना सोचे-समझे सेंधा नमक खरीद लेते हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि यह हमारे रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले सफेद नमक (सेंधा नमक बनाम सफेद नमक) से कितना अलग है? आइए इस बहस को हमेशा के लिए खत्म करते हैं और सेंधा नमक के बारे में कुछ छुपे हुए सच जानते हैं जो आपको हैरान कर देंगे।
काला नमक
यह पहाड़ों से निकाला गया एक प्राकृतिक खनिज है। इसे संसाधित नहीं किया जाता, यानी इसके प्राकृतिक खनिज (जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन और ज़िंक) बरकरार रहते हैं। इसीलिए इसका रंग हल्का गुलाबी होता है, इसीलिए इसे “गुलाबी नमक” भी कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे बेहद शुद्ध माना जाता है, इसलिए व्रत के दौरान इसका इस्तेमाल किया जाता है। सेंधा नमक में सफेद नमक के मुकाबले सोडियम की मात्रा कम होती है, जो इसे हृदय रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प बनाता है।
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सफेद नमक
इसे समुद्री जल से निकाला जाता है और कई प्रक्रियाओं के माध्यम से शुद्ध किया जाता है। इस प्रक्रिया में इसके कई प्राकृतिक खनिज निकल जाते हैं। फिर इसमें आयोडीन मिलाया जाता है, जो थायराइड जैसी बीमारियों से बचाव के लिए ज़रूरी है। सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है, और इसके अत्यधिक सेवन से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
सेंधा नमक बेहतर माना जाता है क्योंकि:-
कम सोडियम: इसमें सफेद नमक की तुलना में कम सोडियम होता है, जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
खनिजों से भरपूर: इसमें 84 ट्रेस खनिज, जैसे लोहा, जस्ता और मैग्नीशियम, प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
पाचन में सहायक: आयुर्वेद के अनुसार, सेंधा नमक पाचन में सुधार करता है और गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है।
सेंधा नमक का एक बड़ा नुकसान भी है:-
सेंधा नमक में आयोडीन बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता। आयोडीन एक ऐसा पोषक तत्व है जो थायरॉइड ग्रंथि के समुचित कार्य और मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक है। अगर आप केवल सेंधा नमक का सेवन करते हैं, तो आपको आयोडीन की कमी हो सकती है।
यह सच है कि सेंधा नमक सफेद नमक की तुलना में ज़्यादा प्राकृतिक और खनिजों से भरपूर होता है। हालाँकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सफेद नमक पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए।
सबसे अच्छा तरीका दोनों में संतुलन बनाना है।
अपने शरीर को आवश्यक आयोडीन प्राप्त करने के लिए अपने दैनिक आहार में सफेद नमक का प्रयोग करें।
याद रखें, कोई भी नमक, चाहे वह सेंधा नमक हो या सफ़ेद नमक, ज़्यादा मात्रा में खाने पर नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, इसे हमेशा सीमित मात्रा में खाएँ और स्वस्थ रहें।
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