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मिट्टी की जांच क्यों है ज़रूरी और कैसे करें?

Soil Testing

-: Soil Testing :-

  1. फसल के अनुसार पोषक तत्वों का संतुलन:- हर फसल को अलग-अलग पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। मिट्टी की जांच से पता चलता है कि आपकी ज़मीन में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं और कौन से नहीं।

  2. उर्वरक की सही मात्रा तय करना:- बिना जांच के ज्यादा या कम उर्वरक डालना हानिकारक हो सकता है। जांच से सही मात्रा का पता चलता है जिससे लागत कम होती है और पैदावार बढ़ती है।

  3. मिट्टी की pH स्थिति जानना:- pH से तय होता है कि पौधे मिट्टी से पोषक तत्व कितना अवशोषित कर पाएंगे। यदि pH संतुलित न हो तो फसल खराब हो सकती है।

  4. लंबे समय तक भूमि की उर्वरता बनाए रखना:- बार-बार एक ही फसल उगाने या बिना जांच के उर्वरक डालने से मिट्टी की उर्वरता घटती है। नियमित जांच से भूमि को संतुलित रखा जा सकता है।

मिट्टी की जांच कैसे करें?

  1. सैंपल कब लें:- फसल की बुवाई से पहले, या खेत खाली होने पर सैंपल लेना सबसे अच्छा होता है।

  2. सैंपल कैसे लें:

    • खेत के अलग-अलग हिस्सों से (कम से कम 5-6 जगहों से) मिट्टी लें।

    • 0 से 15 सें.मी. गहराई तक खुदाई करें और मिट्टी निकालें।

    • इन सब सैंपलों को मिलाकर एक मिश्रित सैंपल बनाएं।

  3. सैंपल कैसे पैक करें:

    • मिट्टी को छाया में सुखाएं और प्लास्टिक की साफ थैली या डिब्बे में रखें।

    • सैंपल पर खेत का नाम, स्थान, तारीख, पिछली फसल आदि लिखें।

  4. जांच कहां कराएं:

    • कृषि विज्ञान केंद्र (KVK)

    • सरकारी या निजी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं

    • मोबाइल सॉयल टेस्टिंग वैन (कई राज्यों में चलती हैं)

जांच रिपोर्ट से क्या जानकारी मिलती है?

निष्कर्ष:- मिट्टी की जांच हर किसान के लिए ज़रूरी कदम है, जो फसल की पैदावार, लागत और भूमि की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करता है। यदि आप स्मार्ट खेती करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी मिट्टी को जानिए।

मिट्टी की जांच रिपोर्ट को कैसे समझें और क्या करें?

  1. pH स्तर (6.5 से 7.5 सामान्य):

    • कम pH (अम्लीय): चूना (Lime) मिलाएं

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    • ज़्यादा pH (क्षारीय): जैविक खाद, गंधक (Sulphur) उपयोग करें

  1. नाइट्रोजन (N):

    • यदि कम हो: यूरिया या गोबर की खाद डालें

    • यदि संतुलित हो: जरूरत से ज्यादा उर्वरक न डालें

  2. फॉस्फोरस (P):

    • यदि कम हो: SSP (Single Super Phosphate) या रॉक फॉस्फेट डालें

  3. पोटैशियम (K):

    • यदि कम हो: MOP (Muriate of Potash) या लकड़ी की राख डाल सकते हैं

  4. सामान्य सिफारिशें:

    • जैविक खाद का उपयोग बढ़ाएं

    • फसल चक्र अपनाएं (Crop Rotation)

    • ढैंचा जैसे हरी खाद वाली फसलें बोएं

    • समय-समय पर मिट्टी की जांच दोहराएं (हर 2-3 साल में)

मिट्टी सुधारने के देसी उपाय

मुफ्त मिट्टी परीक्षण कहां कराएं?

उर्वरक प्रबंधन: मिट्टी जांच के आधार पर

1. उर्वरक डालने का सही समय:

2. संतुलित मात्रा का उपयोग करें:

3. जैविक व रासायनिक उर्वरकों का संयोजन:

4. फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव):

उर्वरक प्रबंधन की वार्षिक योजना (सुझावित):

 

फसल बुवाई से पहले विकास के दौरान विशेष सुझाव
गेहूं NPK मिश्रण यूरिया की टॉप ड्रेसिंग सल्फर ज़रूरी
धान ऑर्गेनिक खाद + DAP यूरिया (2 बार) Zinc मिलाएं
सब्ज़ियाँ कम्पोस्ट + DAP NPK छिड़काव बायोफर्टिलाइज़र

किसान भाइयों के लिए सुझाव

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