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पराली न जलाएं – जानिए इसके विकल्प और सरकार की सहायता

Smart Farming Techniques

-: Smart Farming Techniques :-

हर साल जब धान की फसल कटाई के बाद खेतों में पराली (फसल अवशेष) बचती है, तो कई किसान उसे जलाने का आसान लेकिन हानिकारक उपाय चुनते हैं। इससे न केवल वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है, बल्कि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कई हिस्सों में धुंध और प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाना ही माना जाता है।

पराली जलाने से नुकसान:

पराली का समाधान – वैकल्पिक उपयोग:

  1. बायो-डीकंपोज़र स्प्रे:
    दिल्ली सरकार ने IIT दिल्ली और PUSA संस्थान के साथ मिलकर एक बायो-डीकंपोज़र स्प्रे विकसित किया है, जो पराली को खेत में ही खाद में बदल देता है।

  2. हैप्पी सीडर मशीन:
    यह मशीन बिना पराली हटाए ही गेहूं की बुआई कर सकती है। इससे किसान को पराली जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

  3. बैलर और रेक मशीनें:
    ये मशीनें पराली को इकट्ठा करके गट्ठर बना देती हैं, जिसे ईंधन या पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

  4. बायो गैस और पेपर इंडस्ट्री:
    कई स्थानों पर पराली को बायोगैस प्लांट में ईंधन या कागज बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जा रहा है।

सरकार की सहायता योजनाएँ:

निष्कर्ष:

पराली जलाना एक अस्थायी समाधान है जो दीर्घकालिक संकट को जन्म देता है। अगर हम स्वच्छ हवा, स्वस्थ मिट्टी और बेहतर पर्यावरण की कामना करते हैं तो हमें आधुनिक और टिकाऊ विकल्प अपनाने होंगे। किसान भाईयों से निवेदन है कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का सदुपयोग करें और पराली जलाने से परहेज करें।

प्रेरणादायक कहानियाँ: सफल किसान, सफल समाधान

पंजाब के मानसा जिले के किसान गुरप्रीत सिंह की कहानी

गुरप्रीत सिंह ने पराली जलाने की बजाय ‘सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम’ का प्रयोग किया। उन्होंने गेहूं की बुआई बिना पराली हटाए की और पाया कि फसल की उपज में कमी नहीं आई, बल्कि मिट्टी की नमी बनी रही। आज उनके गांव के 20 से अधिक किसान इस पद्धति को अपना चुके हैं।

हरियाणा के करनाल की महिला किसान सुनीता देवी

सुनीता देवी ने बायो-डीकंपोज़र का उपयोग करते हुए खेत में ही पराली को जैविक खाद में बदला। उन्होंने यह खाद आसपास के किसानों को भी बेची और एक नया आय का स्रोत बना लिया।


स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायतों की पहल

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क्या करें और क्या न करें

क्या करें ✅ क्या न करें ❌
बायो-डीकंपोज़र या कृषि यंत्रों का उपयोग करें खेतों में पराली न जलाएं
ग्राम पंचायत और कृषि विभाग से जुड़ें सब्सिडी योजनाओं की अनदेखी न करें
दूसरे किसानों को भी प्रेरित करें शॉर्टकट को अपनाकर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाएं
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