-: Lakshadweep History & Facts :-
आज हम बात जानेगे भारत के एक ऐसे राज्य की जिसकी चर्चा बहुत ही कम होती है जी हां हम बात कर रहे हैं लक्षद्वीप की आज हम Lakshadweep के इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, संस्कृति और राज्य में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल आदि जैसी महत्त्वपूर्ण एवं रोचक जानकारियों के बारे में जानेगे लक्षद्वीप द्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित देश के सात केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है।
इसकी राजधानी कवर रत्ती है लक्षद्वीप का कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है यह भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाना जाता है लक्षद्वीप का प्राचीन नाम लक दीव था लक्षद्वीप की उत्पत्ति प्राचीन काल में ज्वालामुखी लावा के कारण हुई थी 16वीं सदी में लक्षद्वीप में चिरा कल के राजा का शासन था कुछ समय बाद कुछ द्वीप टीपू सुल्तान के शासन में आ गए।
सन 1799 में यहां ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का आगमन हुआ बाद में सन 1844 में पूरा लक्षद्वीप ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन में आ गया। आजादी के बाद यह सभी द्वीप भारत गणराज्य का हिस्सा हो गए और सन 1956 में एक अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर इनका नाम लक्षद्वीप रख दिया गया साल 1964 में यहां का प्रशासनिक मुख्यालय कालीकट से कवरत्ती ट्रांसफर कर दिया गया था लक्षद्वीप 36 द्वीपों का एक समूह है और इसका कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है जो अरब सागर में 30000 वर्ग मील तक फैला हुआ है।
इसके 36 द्वीपों में से सिर्फ 10 द्वीप ही बसे हुए हैं और इन 10 द्वीपों के नाम हैं अंद्रोध, अमीनी, अगाती, बितरा, चेलटेत, कदमत, कल्पेनी, कवारत्ती, किल्टन और मिनी कोय लक्षद्वीप का राजकीय पक्षी सूटी टर्न है Lakshadweep का राजकीय पेड़ रोटी का फल है इसके के अलावा लक्षद्वीप का राजकीय पशु बटरफ्लाई फिश है अब बात कर लेते हैं लक्षद्वीप की जलवायु की लक्षद्वीप की जलवायु ट्रॉपिकल प्रकार की है।
यहां साल भर मौसम सुहावना रहता है यहां का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता है यहां के मौसम की परिस्थितियां केरल से काफी मिलती-जुलती हैं यहां पर साल भर में लगभग 1600 मिलीमीटर तक बारिश होती है इस केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन राज्यपाल देखता है जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।
यह द्वीप केरल उच्च न्यायालय के अधिकार में आता है जो केरल के कोची में स्थित है Lakshadweep के वर्तमान उपराज्यपाल यानी कि प्रशासक प्रफुल पटेल हैं लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि मछली पकड़ना औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों पर निर्भर करती है यहां की सबसे प्रमुख फसल नारियल है दुनिया के किसी और स्थान के नारियल के मुकाबले लक्षद्वीप के नारियल में तेल की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है।
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यहां का मुख्य उद्योग नारियल के रेश से बनी वस्तु का उत्पादन है यहां पर फलों में नारियल केला और पपीता की खेती की जाती है यहां की परंपरा और संस्कृति काफी गहरी है जो कि प्राचीन काल से ही चलती आ रही है यहां विभिन्न परंपराएं और रिवाज हैं लक्षद्वीप में चार मुख्य समुदाय के लोग निवास करते हैं जिन्हें मलमी, अमीनी दीवी, मेला चेरी और कोयअस कहा जाता है।
अमीनी दीवी स्थानीय लोग हैं कोस को भूमि मालिकों के रूप में जाना जाता है और मलमी एक मजदूर वर्ग है यहां का मुख्य धर्म मुस्लिम है यहां के लोग दरअसल दक्षिण पश्चिम एशिया से आए प्रवासियों के वंशज हैं ज्यादातर जनसंख्या को आदिवासी भी कहा जा सकता है यह लोग अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते हैं यहां पर ज्यादातर लोग मलयालम भाषा का इस्तेमाल करते हैं और यह भाषा स्थानीय भाषा के तौर पर बोली जाती है।
वहीं मिनी कॉय लोग माही भाषा का उपयोग करते हैं लेकिन अब यहां पर लोग हिंदी और इंग्लिश दोनों ही बोलने लगे हैं यहां ग्रंथा मलयालम की आधुनिक लिपि है Lakshadweep के स्थानीय भोजन में समुद्री मछली और नारियल शामिल है नारियल पाने की यहां बहुत खपत है यहां आप मसालेदार व्यंजनों के साथ स्वादिष्ट मासा हरी भोजन का भी मजा ले सकते हैं Lakshadweep के अन्य मुख्य व्यंजनों में इडली डोसा और चावल आदि भी यहां पर आपको मिल जाएगा।
केरल से नजदीकी के कारण यहां के कई धार्मिक रिवाज और परंपराएं केरल से प्रभावित हैं Lakshadweep में मुस्लिम धर्म के लोग बहुत मात्रा में पाए जाते हैं यहां के मुख्य त्यौहार मुहर्रम, बकरी ईद, मिलादुन्नबी और ईदुल फितर हैं लक्षद्वीप की जनजातीय समूह में अमीनी, डेविस, कोएस, माल मिस मेला, चेरिस आदि प्रमुख जनजातियां हैं पूर्व में केंद्र शासित प्रदेश Lakshadweep को लक्षद्वीप मिनी कोय और अमीन देवी द्वीप समूह के रूप में जाना जाता था।
साल 1973 में संसद के एक अधिनियम द्वारा इसका नाम बदलकर एक ही नाम कर दिया गया था जो था Lakshadweep पहले पहल लक्षद्वीप समूह को कैना नौर द्वीप के रूप में जाना जाता था लक्षद्वीप का मलयालम और संस्कृत में मतलब होता है लाखों द्वीप अपने नाम के अनुसार ही यह द्वीप बहुत ही खूबसूरत है जिसे देखने हर साल दुनिया भर के सैलानी आते हैं।
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