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तो ऐसे बचेगी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से!

Global Warming Documentary

-: Global Warming Documentary :-

क्या आपने महसूस किया है कि मौसम पहले से कहीं ज्यादा अजीब और अस्थिर हो गया है क्या यह सिर्फ एक संयोग है या इसके पीछे कुछ बड़ा और खतरनाक कारण है यह कारण है ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा संकट जो हमारी धरती को तेजी से बदल रहा है आज हम जानेंगे कि कैसे ग्लोबल वार्मिंग हमारी दुनिया को प्रभावित कर रही है और इसके कितने भयानक परिणाम हो सकते हैं।

धरती गर्म हो रही है और यह बदलाव सामान्य नहीं है औद्योगिक क्रांति के बाद से जब से हमने बड़ी मात्रा में जीवाश्म ईंधन यानी कि फॉसिल फ्यूल्स का इस्तेमाल शुरू किया तब से पृथ्वी का तापमान लगभग 1 डिग्री सेल्सियस यानी 2 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ चुका है यह सुनने में भले ही कम लगे लेकिन 2023 सबसे गर्म साल रहा और अब तक के सबसे गर्म 10 साल पिछले दशक में ही रिकॉर्ड किए गए हैं इतिहास में जब भी धरती का तापमान बढ़ा है।

इसके परिणाम स्वरूप विनाशकारी मौसम और बड़े पैमाने पर एक्सटिंक्शन हुए हैं यानी कि इसके कारण कई प्रजातियां विलुप्त तक हो गई हैं लेकिन इतनी तेजी से तापमान में बदलाव पहले कभी नहीं देखा गया था जितना कि आज हो रहा है वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन का नाम देते हैं क्योंकि यह सिर्फ तापमान में वृद्धि तक सीमित नहीं है बल्कि इसका प्रभाव प्राकृतिक आपदाओं समुद्री स्तरों में वृद्धि और पृथ्वी के इकोसिस्टम पर भी देखा जा रहा है लेकिन यह बदलाव हो क्यों रहा है आखिरकार ग्लोबल वार्मिंग के पीछे की असली वजह क्या है।

ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जब हम जीवाश्म ईंधन यानी फॉसिल फ्यूल्स जैसे तेल गैस और कोयले को जलाते हैं तो इससे निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी गैसें वातावरण में जाकर उसकी केमिस्ट्री बदल देती हैं यह गैसें सूर्य की किरणों को तो धरती पर आने देती हैं लेकिन उनकी गर्मी को वापस अंतरीक्ष में नहीं जाने देती इसी को ग्रीन हाउस प्रभाव कहा जाता है।

कार्बन डाइऑक्साइड सबसे आम ग्रीन हाउस गैस है और यह लगभग 75 प्र जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है यह गैस फॉसिल के जलने के साथ-साथ कृषि और लकड़ी के लिए जंगलों का सफाया करने से भी निकलती है मीथेन हालांकि यह सिर्फ 16 प्र उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार है फिर भी कार्बन डाइऑक्साइड से 25 गुना ज्यादा शक्तिशाली होती है और तेजी से वातावरण में गर्मी बढ़ा सकती है मीथेन का मुख्य स्रोत है पशुपालन तेल और गैस उत्पादन इसके अलावा लैंड फिल कचरा ग्लोबल वार्मिंग के यह कारण हमारे पर्यावरण और जीवन पर कैसे असर डाल रहे हैं।  

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ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव

ग्लोबल वार्मिंग के सबसे गहरे प्रभाव हमारे ध्रुवीय क्षेत्रों और पहाड़ी ग्लेशियर्स पर पड़ रहे हैं आर्कटिक क्षेत्र बाकी धरती के मुकाबले चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है जिससे वहां की बर्फ की परतें पिघलनी शुरू हो गई हैं और प्राकृतिक आवास समाप्त हो रहे हैं इसके अलावा जेट स्ट्रीम का प्रवाह भी बाधित हो रहा है जिससे दुनिया भर में मौसम अस्थिर हो रहा है।

धरती का गर्म होना सिर्फ तापमान बढ़ने तक सीमित नहीं है जैसे-जैसे वातावरण गर्म होता है वह ज्यादा नमी पकड़ता है जिससे भारी बारिश तूफान और यहां तक कि बर्फीले तूफान भी ज्यादा शक्तिशाली हो जाते हैं इसके अलावा समुद्री स्तरों में वृद्धि हो रही है जिससे कोस्टल एरियाज में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है ग्लोबल वार्मिंग के असर सिर्फ इंसानों तक ही सीमित नहीं है।

कोरल रीफ जैसे समुद्री इकोसिस्टम अब खतरे में है जब पानी बहुत गर्म हो जाता है तो कोरल अपने रंगीन शैवाल को बाहर निकालते हैं और सफेद पड़ जाते हैं जिसे कोरल ब्लीचिंग कहा जाता है इसी तरह जंगलों में सूखे के कारण पेड़ तेजी से मर रहे हैं और यह पूरे जंगल के इकोसिस्टम को बदल रहा है साथ ही जंगल में आग लगने की घटनाएं भी अब ज्यादा और बड़े स्तर पर होने लगी हैं।

बीते कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और कैलिफोर्निया के जंगलों में भीषण आग लगी थी जिनमें लाखों जानवर मारे गए थे अब बड़ा सवाल यह है कि क्या हम ग्लोबल वार्मिंग को रोक सकते हैं और अगर हां तो कैसे वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करना संभव है लेकिन यह सामाजिक राजनीतिक और आर्थिक रूप से एक बड़ी चुनौती है।

ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को सीमित करने के लिए हमें फॉसिल फ्यूल्स का इस्तेमाल कम करना होगा उदाहरण के लिए बिजली उत्पादन और गैसों में इस्तेमाल होने वाले तेल और गैस की जगह हमें शून्य उत्सर्जन तकनीक यानी जीरो मिशन टेक्नोलॉजी जैसे सोलर और विंड पावर का उपयोग करना होगा ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में हमें इलेक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा इस्तेमाल करना होगा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना होगा।

इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में ऐसी योजनाएं बनानी होंगी जो साइकिलिंग और पैदल चलने को प्रोत्साहित करें एक समय पर असंभव माने जाने वाली तकनीक जैसे जिओ इंजीनियरिंग अब गंभीरता से ली जा रही है अब यह तकनीक धरती के वातावरण को इस तरह से बदलने का प्रयास करती है कि सूर्य की किरणों को रोकने या हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को सीधे हटाया जा सके प्राकृतिक इकोसिस्टम की बहाली भी एक समाधान है।

जंगल महासागर और वेटलैंड्स कार्बन को अवशोषित करने में मदद करते हैं लेकिन जब यह नष्ट हो जाते हैं तो उनकी यह क्षमता भी समाप्त हो जाती है वास्तव में हमें बढ़ते तापमान के साथ जीने के तरीके सीखने होंगे जैसे कि समुद्री स्तरों के बढ़ने के हिसाब से घरों का निर्माण करना और हीट वेव्स के दौरान घरों को ठंडा रखने के लिए नई तकनीकों को अपनाना ग्लोबल वार्मिंग आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। यह हमारी धरती के हर कोने को बदल रही है।

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