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गणगौर महोत्सव – राजस्थान का प्रसिद्ध लोक पर्व

Gangaur puja vidhi

-: Gangaur puja vidhi :-

गणगौर महोत्सव राजस्थान का एक प्रमुख लोक पर्व है, जो विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व गण यानी शिवजी और गौर यानी माता पार्वती के मिलन और सुखद दांपत्य जीवन का प्रतीक है। यह त्योहार चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में होली के अगले दिन से शुरू होकर 18 दिन तक मनाया जाता है।

गणगौर पूजा का महत्व

गणगौर पूजन विधि

  1. व्रत और पूजा:

    • महिलाएं 18 दिन तक व्रत रखती हैं और प्रतिदिन गणगौर माता की पूजा करती हैं।

    • पूजा में गेंहू के अंकुर, फूल, फल, हल्दी, कुमकुम आदि का प्रयोग किया जाता है।

  2. संगीत और लोकनृत्य:

    • महिलाएं पारंपरिक गाने और लोकनृत्य करती हैं।

    • “गोर गोर गोमती, पूजे गणगौर माता” जैसे लोकगीत गाए जाते हैं।

  3. विसर्जन:

    • पर्व के अंतिम दिन गणगौर माता की प्रतिमा को किसी जलाशय या नदी में विसर्जित किया जाता है।

    • इस दिन शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें सजी-धजी महिलाएं और पुरुष भाग लेते हैं।

गणगौर महोत्सव की विशेषताएं

गणगौर व्रत कथा

एक बार भगवान शिव, माता पार्वती और नारद मुनि पृथ्वी पर भ्रमण कर रहे थे। जब वे एक गाँव पहुँचे तो गाँव की महिलाओं ने उन्हें भोजन कराने का आग्रह किया। माता पार्वती प्रसन्न होकर उन सभी महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिया। तभी से यह परंपरा शुरू हुई और महिलाएं गणगौर का व्रत करने लगीं।

गणगौर के दौरान पारंपरिक पकवान

गणगौर पर्व के दौरान लोक कला और परंपराएं

गणगौर महोत्सव सिर्फ पूजा और व्रत का पर्व नहीं है, बल्कि यह राजस्थानी लोककला, संगीत और परंपराओं का जीवंत उत्सव भी है।

1. लोक गीत और नृत्य

2. शोभायात्रा और सवारी

3. पारंपरिक परिधान

4. मेहंदी और श्रंगार

5. मेले और हाट बाजार

6. गणगौर के प्रतीक

7. गणगौर के दौरान प्रमुख स्थान

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गणगौर पर्व से जुड़ी मान्यताएं और विशेष परंपराएं

गणगौर महोत्सव से जुड़ी कई मान्यताएं, रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जो इस पर्व को और भी खास बनाती हैं।

1. गणगौर माता की कथा और मान्यता

गणगौर पर्व की पूजा के पीछे एक लोक कथा प्रचलित है:

2. विवाह का प्रतीक पर्व

3. गणगौर पूजन में गेहूं के अंकुर का महत्व

4. गणगौर माता की सवारी की विशेषता

5. गणगौर विसर्जन का महत्व

6. गणगौर पर्व के विशेष पकवान

गणगौर पर्व पर विशेष रूप से पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन बनाए जाते हैं:

7. गणगौर पर आभूषण और श्रृंगार

8. गणगौर पर्व और पर्यटक आकर्षण

गणगौर महोत्सव से जुड़ी रोचक बातें और ऐतिहासिक महत्व

गणगौर महोत्सव से जुड़ी कई रोचक मान्यताएं, ऐतिहासिक संदर्भ और सांस्कृतिक विशेषताएं हैं, जो इस पर्व को और भी आकर्षक बनाती हैं।

1. ऐतिहासिक महत्व

2. गणगौर का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व

3. राजस्थान के विभिन्न शहरों में गणगौर उत्सव

गणगौर महोत्सव राजस्थान के विभिन्न शहरों में भिन्न-भिन्न अंदाज में मनाया जाता है:

जयपुर:

उदयपुर:

जोधपुर:

बीकानेर:

4. गणगौर महोत्सव और कला प्रदर्शनी

5. गणगौर मेले का आकर्षण

6. गणगौर पर्व में देवी-देवताओं की पूजा

7. गणगौर से जुड़े लोकगीत और कहावतें

8. गणगौर पर्व के साथ अन्य लोक परंपराएं

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