गड़ कुंदर किले का इतिहास

-: Gadkundar Fort history :-

स्थान:

  • गड़ कुंदर किला मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले में स्थित है।

  • यह किला बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है और खजुराहो तथा ओरछा जैसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के समीप है।

  • यह एक पहाड़ी पर स्थित है, जिससे इसके चारों ओर के मैदानों पर नज़र रखना आसान होता था — यह रणनीतिक रूप से सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण था।

इतिहास:

  • इस किले का निर्माण 13वीं शताब्दी में चंदेल राजाओं द्वारा करवाया गया था।

  • इसके बाद इस पर खंडेराव और परमाल वंश के राजा राज करते रहे।

  • बाद में यह किला बुंदेला राजाओं के अधिकार में चला गया, जिन्होंने इसे अपनी सैन्य शक्ति का केंद्र बनाया।

रणनीतिक महत्व:

  • गड़ कुंदर किला दुश्मनों पर नजर रखने और हमलों से बचाव के लिए बनाया गया था।

  • इसकी वास्तुकला में चंदेल और बुंदेल शैली की झलक मिलती है।

वास्तुकला:

  • पत्थरों से बना यह किला आज भी अपने पुराने स्वरूप में खड़ा है, हालांकि समय के साथ इसके कुछ हिस्से जर्जर हो चुके हैं।

  • किले में प्रवेश द्वार, प्राचीरें और पुराने जल स्रोत आज भी देखे जा सकते हैं।

वर्तमान स्थिति:

  • यह किला अब एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है।

  • पर्यटकों के बीच इतना प्रसिद्ध नहीं होने के कारण यह अपेक्षाकृत शांत और अनछुआ स्थल है।

गड़ कुंदर किले से जुड़ी रोचक बातें और लोककथाएं

लोककथाओं का किला:

  • कहा जाता है कि इस किले के नीचे गुप्त सुरंगें थीं, जिनका उपयोग राजा-रानी संकट के समय भागने के लिए करते थे।

  • लोककथाओं के अनुसार, किले में भूत-प्रेत की कहानियाँ भी प्रचलित हैं, जिनमें कहा जाता है कि रात के समय यहां अजीब-अजीब आवाजें आती थीं।

वीरता की मिसाल:

  • बुंदेला शासकों ने मुगलों के खिलाफ कई बार इस किले से युद्ध छेड़ा था।

  • कई सैनिकों और राजाओं ने इस किले की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।

पर्यटन जानकारी (Travel Info)

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कैसे पहुँचें:

  • सबसे नजदीकी बड़ा शहर: छतरपुर (लगभग 40–50 किमी दूर)

  • छतरपुर से टैक्सी या स्थानीय वाहन से किले तक पहुंचा जा सकता है।

  • रास्ता थोड़ा दुर्गम है, इसलिए ट्रैकिंग जैसा अनुभव भी मिलता है।

घूमने का सही समय:

  • अक्टूबर से मार्च के बीच ठंड के मौसम में घूमना सबसे अच्छा रहता है।

  • गर्मियों में बुंदेलखंड का तापमान बहुत अधिक होता है।

क्या साथ ले जाएं:

  • पानी की बोतल, आरामदायक जूते, टोपी/सूरज से बचने का उपाय

  • कैमरा (क्योंकि व्यू पॉइंट से शानदार तस्वीरें ली जा सकती हैं!)

फोटोग्राफी और एडवेंचर के शौकीनों के लिए:

  • अगर आपको हेरिटेज फोटोग्राफी, एडवेंचर ट्रैवल या ड्रोन शूटिंग का शौक है, तो यह जगह किसी खजाने से कम नहीं।

  • किले की ऊँचाई से आसपास का नज़ारा बेहद मनमोहक होता है।

गड़ कुंदर किले के आसपास घूमने लायक जगहें

1. खजुराहो मंदिर समूह (Khajuraho Temples)

  • दूरी: लगभग 60–70 किमी

  • विश्व धरोहर स्थल, जहां की नक्काशी, मूर्तिकला और स्थापत्य कला विश्व प्रसिद्ध है।

2. ओरछा किला और राम राजा मंदिर

  • दूरी: लगभग 100 किमी

  • ओरछा में राजपूत और मुगल वास्तुकला का सुंदर मेल देखने को मिलता है।

3. पन्ना टाइगर रिज़र्व (Panna Tiger Reserve)

  • दूरी: लगभग 90–100 किमी

  • वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर, बाघ, तेंदुए और मगरमच्छ यहां देखे जा सकते हैं।

4. केन घड़ियाल अभ्यारण्य

  • पन्ना के पास ही स्थित, जहाँ केन नदी में घड़ियाल और पक्षी प्रजातियों का अद्भुत संसार मिलता है।

वन-डे ट्रिप/वीकेंड प्लानर सुझाव

Day Plan:

  • सुबह: छतरपुर से रवाना होकर गड़ कुंदर किले पर चढ़ाई करें।

  • दोपहर: किले के ऊपर से लंच या स्नैक्स करते हुए व्यू का आनंद लें।

  • शाम: लौटते समय किसी स्थानीय गाँव या मंदिर में रुकें, लोकसंस्कृति को महसूस करें।

अगर आप रुकना चाहें तो:

  • खजुराहो या छतरपुर में होटल, रिसॉर्ट्स और होमस्टे की अच्छी सुविधा मिल जाती है।

  • लोकल गाइड की मदद से आप कुछ छुपी हुई जगहें भी एक्सप्लोर कर सकते हैं।

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