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Buddhist Story On 7 Rule Of Success
1. सही दृष्टिकोण (संकल्प)
एक बार एक किसान अपने खेत में बीज बो रहा था। उसने बुद्ध से पूछा, “मैं अपनी फसल को जल्दी कैसे उगा सकता हूँ?”
बुद्ध बोले, “तुम बीज को सही तरीके से बोओ, धैर्य रखो और उसे समय पर पानी दो। जब समय आएगा, फसल खुद-ब-खुद उग जाएगी।”
👉 सफलता पाने के लिए सही दृष्टिकोण और धैर्य जरूरी है।
2. सही प्रयास
एक बार एक साधु ध्यान में बैठा था, लेकिन उसका मन भटक रहा था। उसने बुद्ध से कहा, “मैं कितनी भी कोशिश करूँ, ध्यान नहीं लगता।”
बुद्ध ने जवाब दिया, “अगर वीणा के तार ढीले होंगे, तो संगीत नहीं बजेगा, और अगर बहुत कस देंगे, तो टूट जाएंगे। ठीक वैसे ही, सही संतुलन से प्रयास करो।”
👉 न तो बहुत ज़ोर से भागो, न ही सुस्त बनो – सही गति से आगे बढ़ो।
3. सही सोच
एक बार एक राजा ने बुद्ध से पूछा, “मन में बुरे विचार क्यों आते हैं?”
बुद्ध बोले, “जैसे तुम जिस बीज को पानी दोगे वही पेड़ बनेगा, वैसे ही जिस विचार पर ध्यान दोगे, वही जीवन में फलित होगा।”
👉 हमेशा सकारात्मक सोच को अपनाओ और बुरी सोच को दूर करो।
4. सही संगति
एक बार एक युवक ने बुद्ध से पूछा, “मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं सही रास्ते पर हूँ?”
बुद्ध ने कहा, “तुम्हारे साथ जो लोग रहते हैं, उनकी बातें और कर्म देखो। अच्छे लोगों की संगति करोगे, तो सही रास्ते पर रहोगे।”
👉 सही लोगों के साथ रहो, जो तुम्हें आगे बढ़ने में मदद करें।
5. सही कार्य
एक व्यापारी ने बुद्ध से पूछा, “सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या है?”
बुद्ध बोले, “तुम जो भी करो, वह पूरे समर्पण और ईमानदारी से करो। आधे-अधूरे मन से किया गया कार्य कभी सफलता नहीं देता।”
👉 सफलता के लिए पूरे मन से मेहनत करो।
6. सही धैर्य
एक बार एक बालक ने बुद्ध से कहा, “मैं तुरंत सफल होना चाहता हूँ!”
बुद्ध मुस्कुराए और बोले, “क्या कोई पौधा एक दिन में पेड़ बन सकता है?”
👉 हर चीज़ अपने समय पर होती है। धैर्य रखो और निरंतर प्रयास करो।
7. सही ध्यान (फोकस)
एक शिकारी अपने लक्ष्य को छोड़कर इधर-उधर भटक गया और खाली हाथ रह गया।
बुद्ध ने कहा, “अगर तुम कई दिशाओं में दौड़ोगे, तो कहीं नहीं पहुँचोगे। सफल होने के लिए एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करो।”
👉 एक ही लक्ष्य पर ध्यान दो और पूरी ताकत से उसे हासिल करो।
युवक ने ये बातें सुनीं और बुद्ध को प्रणाम करके अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। धीरे-धीरे, उसने सफलता प्राप्त कर ली।
अगर हम भी इन 7 नियमों को अपनाएँ, तो सफलता निश्चित रूप से हमारे कदम चूमेगी।
सफलता के 7 नियम: दूसरा अध्याय
कुछ वर्षों बाद वही युवक, जिसने बुद्ध से सफलता के 7 नियम सीखे थे, फिर से बुद्ध के पास आया। अब वह पहले से अधिक सफल और प्रसन्न था, लेकिन उसके मन में एक और प्रश्न था।
उसने पूछा, “भगवान बुद्ध, मैंने आपके बताए हुए 7 नियमों को अपनाया और जीवन में सफलता पाई, लेकिन मैं इसे कैसे बनाए रखूँ?”
बुद्ध मुस्कुराए और बोले, “सफलता को बनाए रखने के लिए भी सात मार्ग होते हैं। सुनो ध्यान से।”
1. अहंकार से बचो (Stay Humble)
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👉 “जिस पेड़ पर फल लगते हैं, वह झुक जाता है।”
बुद्ध ने कहा, “सफलता पाकर अहंकार मत करना। जो व्यक्ति खुद को सबसे श्रेष्ठ मानने लगता है, उसका पतन निश्चित है।”
2. सीखते रहो (Keep Learning)
👉 “जो बहता रहता है, वही शुद्ध रहता है।”
युवक ने पूछा, “मैंने सब कुछ सीख लिया, अब और क्या सीखना?”
बुद्ध ने उत्तर दिया, “सफलता एक निरंतर यात्रा है। अगर तुम सीखना बंद कर दोगे, तो तुम्हारी प्रगति भी रुक जाएगी।”
3. कर्म से मत डरो (Embrace Hard Work)
👉 “जो मेहनत नहीं करेगा, वह खो देगा।”
बुद्ध बोले, “जैसे नदी लगातार बहती है, वैसे ही तुम्हें भी मेहनत जारी रखनी होगी। अगर तुम आराम करने लगो, तो सफलता हाथ से निकल जाएगी।”
4. लोभ से बचो (Avoid Greed)
👉 “जरूरत से ज्यादा पाने की लालसा तुम्हें असंतुष्ट कर देगी।”
बुद्ध ने समझाया, “सफलता तब तक सुख देती है जब तक तुम संतुष्ट हो। लेकिन जब तुम और पाने के लिए अधीर हो जाते हो, तो सुख चला जाता है।”
5. धैर्य रखो (Stay Patient)
👉 “बीज से वृक्ष बनने में समय लगता है।”
युवक बोला, “कभी-कभी मेरा मन बहुत अधीर हो जाता है।”
बुद्ध ने कहा, “सब कुछ अपने समय पर होता है। जो चीज़ें जबरदस्ती जल्दी पाई जाती हैं, वे ज्यादा टिकती नहीं।”
6. दूसरों की मदद करो (Help Others)
👉 “जो दूसरों को रोशनी देता है, वह खुद भी प्रकाशित होता है।”
बुद्ध ने कहा, “सिर्फ अपने लिए मत जियो। दूसरों की भी मदद करो। जब तुम दूसरों की भलाई करोगे, तो तुम्हारी सफलता और अधिक बढ़ेगी।”
7. मन को शांत रखो (Stay Mentally Peaceful)
👉 “शांत पानी में ही चंद्रमा स्पष्ट दिखता है।”
बुद्ध ने अंत में कहा, “अगर तुम्हारा मन अशांत होगा, तो तुम्हारी सफलता भी अस्थिर हो जाएगी। ध्यान और आत्मनिरीक्षण करते रहो, ताकि तुम सही निर्णय ले सको।”
युवक ने बुद्ध को प्रणाम किया और इन नए 7 नियमों को अपनाने का वचन दिया।
इस तरह, सफलता को पाने के बाद भी उसे बनाए रखने के लिए हमें इन सात नियमों का पालन करना चाहिए।
सफलता के 7 नियम: अंतिम अध्याय
कुछ वर्षों बाद वही युवक, जो बुद्ध के मार्गदर्शन में सफलता के 7 नियमों को अपनाकर एक महान व्यापारी और नेता बन चुका था, बुद्ध के पास फिर आया।
उसने कहा, “भगवान बुद्ध, मैंने सफलता पाई और उसे बनाए भी रखा, लेकिन अब मैं कुछ अलग महसूस करता हूँ। मेरे पास धन, मान-सम्मान और शक्ति सब कुछ है, फिर भी मन में शांति नहीं है। मैं सच्ची संतुष्टि कैसे पाऊँ?”
बुद्ध मुस्कुराए और बोले, “सच्ची सफलता केवल बाहरी चीजों से नहीं आती, बल्कि आंतरिक शांति से आती है। अब समय है कि तुम जीवन के अंतिम 7 नियमों को सीखो, जो तुम्हें सच्ची शांति देंगे।”
1. त्याग का महत्व समझो (Embrace Detachment)
👉 “जो चीज़ों को छोड़ने की शक्ति रखता है, वही सबसे धनी होता है।”
बुद्ध बोले, “तुम्हारे पास बहुत कुछ है, लेकिन क्या वह तुम्हें नियंत्रित करता है? सफलता का सबसे बड़ा रहस्य यह है कि चीज़ों से जुड़े रहो, पर उनसे मोह मत करो।”
2. सेवा भाव अपनाओ (Serve Others)
👉 “जो सबसे ज्यादा देता है, वही सबसे अधिक प्राप्त करता है।”
युवक ने कहा, “मैंने बहुत धन कमाया, लेकिन फिर भी खालीपन महसूस करता हूँ।”
बुद्ध बोले, “सच्ची संतुष्टि तब मिलती है जब तुम अपनी सफलता को दूसरों की भलाई के लिए उपयोग करते हो।”
3. क्रोध से मुक्त रहो (Let Go of Anger)
👉 “जो आग को पकड़कर रखता है, वह खुद जल जाता है।”
युवक बोला, “कभी-कभी लोग मेरा अपमान करते हैं, और मैं गुस्से से भर जाता हूँ।”
बुद्ध ने उत्तर दिया, “क्रोध तुम्हारे मन का जहर है। इसे छोड़ दो, तभी तुम्हें सच्चा सुख मिलेगा।”
4. क्षमा करने की शक्ति रखो (Learn to Forgive)
👉 “जो दूसरों को क्षमा नहीं कर सकता, वह अपने घाव खुद ठीक नहीं कर सकता।”
युवक ने पूछा, “लेकिन अगर कोई मुझे बार-बार धोखा दे?”
बुद्ध बोले, “क्षमा का अर्थ है दिल को हल्का करना, लेकिन समझदारी से आगे बढ़ना। दया करो, पर मूर्ख मत बनो।”
5. वर्तमान में जियो (Live in the Present)
👉 “भविष्य की चिंता और अतीत का पछतावा केवल दुख लाते हैं।”
बुद्ध ने कहा, “सफलता पाने की होड़ में लोग वर्तमान को भूल जाते हैं। जो आज को पूरी तरह जीता है, वही सबसे सुखी होता है।”
6. स्वयं को जानो (Know Yourself)
👉 “जो स्वयं को जान लेता है, उसे और कुछ जानने की जरूरत नहीं।”
युवक ने कहा, “मैं दुनिया को समझ चुका हूँ, फिर भी अधूरा महसूस करता हूँ।”
बुद्ध बोले, “क्या तुमने खुद को समझा? जब तक तुम अपनी आत्मा को नहीं जानोगे, तब तक कोई सफलता तुम्हें पूर्णता नहीं दे सकती।”
7. अंत में मुक्ति ही अंतिम लक्ष्य है (Seek Liberation)
👉 “सफलता की अंतिम सीढ़ी आत्मा की मुक्ति है।”
बुद्ध ने अंत में कहा, “तुमने बाहरी दुनिया में बहुत कुछ पाया, लेकिन अब समय है आंतरिक मुक्ति की ओर बढ़ने का। सच्ची सफलता केवल आत्मज्ञान से ही संभव है।”
युवक ने बुद्ध के चरणों में गिरकर कहा, “अब मैं समझ गया कि सच्ची सफलता केवल बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति में है।”
इसके बाद युवक ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा और आत्मज्ञान प्राप्त करने में लगा दी।
यदि हम इन 7 नियमों को अपनाएँ, तो हमें न केवल सफलता, बल्कि सच्चा सुख और शांति भी प्राप्त होगी।
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