-: 3 POWERFUL NAGA SADHU :-
महाकुंभ के तीन ऐसे चमत्कारी नागा साधु जिनके चमत्कार को देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे भारत को शुरू से ही ऋषि मुनियों साधु संतों का देश कहा जाता है कई किस्से कहानियां ऐसी हैं जो काल्पनिक नहीं बल्कि सच है और उन्हीं में से कुछ सच्ची घटनाओं और चमत्कारी नागा साधुओं की जानकारी आज हम आपके साथ साझा करेंगे।
यह हैं महाकुंभ के तीन चमत्कारी नागा साधु
500 सालों से जिंदा देवरा बाबा- उत्तर प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध देवरा बाबा जो बहुत ही चमत्कारी माने जाते हैं इनके आगे भारत सरकार को भी झुकना पड़ा था ये ऐसे साधु थे जो पानी पे चलते थे घंटों बिना सास लिए पानी में रहते थे आखिर कौन थे यह बाबा और आखिर वह कैसे 500 सालों से जिंदा थे देवरा बाबा का जन्म कहां हुआ कब हुआ इस बारे में कोई भी सटीक जानकारी नहीं है कहते हैं कि एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए उन्हें किसी भी प्रकार की गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता था।
भक्तों का ऐसा मानना था कि बाबा पानी पर भी चल सकते थे वह हर कुंभ मेले में ना जाने कैसे अपने आप चमत्कारी रूप से पहुंच जाते थे कहते हैं देवड़ा बाबा लोगों के मन की बात को जान लेते थे और वह जानवरों की भाषा और बोली को भी समझ लेते थे यहां तक कि वह जंगली जानवरों को अपने वश में भी कर लेते थे जब देश में आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी चुनाव हार गई तब इंदिरा गांधी स्वयं देवरा बाबा से आशीर्वाद लेने गई थी बाबा ने उन्हें हाथ उठाकर पंजे से आशीर्वाद दिया।
वहां से लौटने के बाद इंदिरा गांधी ने वापस कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा ही तय किया और इसी चिन्ह पर 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत प्राप्त किया और वह देश की प्रधानमंत्री बनी सिर्फ इंदिरा गांधी ही नहीं बल्कि डॉक राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवे, अटल बिहारी वाजपेई, मुलायम सिंह यादव, वीर बहादुर सिंह, बंदेश्वर दुबे, जगन्नाथ मिश्र आदि जैसे प्रसिद्ध नेताओं ने स्वयं बाबा जी के दर्शन प्राप्त किए थे कहते हैं देवरा बाबा अपने अंतिम समय में वृंदावन चले गए थे और 11 जून 1990 को बाबा ने अंतिम समाधि ले ली थी।
सियाराम बाबा- सियाराम बाबा जो बिना माचिस के ही दिए को आसानी से अपने हाथों से जला देते ते हैं सोशल मीडिया पर आपने इन बाबा की चमत्कारी वीडियो को बहुत बार देखा होगा 109 साल तक जीवित रहने वाले सियाराम बाबा इकलौते ऐसे बाबा थे जो बहुत ही प्रसिद्ध थे और साथ ही बिना माचिस के ही हाथों से दिहा जला देते थे।
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कहते हैं बाबा सियाराम भगवान शिव को बहुत मानते थे दरअसल बाबा सियाराम ने निर्माण आश्रम की स्थापना की जो एक आध्यात्मिक आश्रम स्थल था जो गरीबों को भोजन आश्रय और शिक्षा प्रदान करता था कहते हैं बाबा सियाराम 12 वर्षों तक मौन वर्त धारण भी कर चुके थे बाबा की उत्पत्ति के बारे में कोई अधिक जानकारी मौजूद नहीं है लोग अब बाबा को सियाराम बाबा के नाम से पुकारते हैं।
क्योंकि उन्होंने अपना मौन वर्त तोड़ा और पहला शब्द जो उन्होंने कहा वो था सियाराम कहते हैं बाबा सियाराम प्रतिदिन 21 घंटे तक रामायण का पाठ करते थे चाहे ठंड हो या तपती हुई धूप और गर्मी वह हमेशा एक लंगोट ही पहनकर रहते थे लेकिन बाबा सियाराम का सबसे बड़ा चमत्कार यही था कि वह बिना माचिस के दीपक को जलाते थे वह भी अपने हाथों से।
महंत राधेपुरी – एक ऐसे शक्तिशाली और चमत्कारी नागा साधु की जिन्होंने पिछले 10 सालों से अपने एक हाथ को कड़ी तपस्या के माध्यम से खड़ा किया हुआ है यह हाथ ना तो नीचे आता है ना ही इसे कोई हिला सकता है महंत राधेपुरी उर्द बाहू चूना अखाड़े के एक ऐसे नागा साधु जो पिछले 10 सालों से कड़ी तपस्या के माध्यम से अपने एक हाथ को ऊपर उठाए हुए हैं ना तो इस हाथ को नीचे लाया जा सकता है और ना ही कोई इसे हिला सकता है।
लगातार हाथ में बढ रहे नाखून इस बात का सबूत है कि ये नागा साधु बेहद ही चमत्कारी हैं कहते हैं इनके हाथ के नाखून अपने आप ही टूटकर गिर जाते हैं आमतौर पर देखा जाए तो अगर आप अपने हाथों के नाखूनों को नहीं काटेंगे तो वो लगातार बढ़ते ही रहते हैं ऐसे में इन चमत्कारी बाबा ने भी पिछले 10 सालों से अपने नाखून नहीं काटे और इनके नाखून भी कई बार टूटकर नीचे गिर चुके हैं।
इन नागा साधु के चमत्कार को देखकर आपको यकीनन अपने स्कूलों के दिन याद आ जाएंगे जब कभी आपने भी अगर होमवर्क ना किया हो या आपने कोई शरारत की हो तो आपकी टीचर ने आपको अवश्य ही अपने हाथ खड़े करने के लिए कहा होगा सोचिए 5 मिनट तक हाथ खड़े रखने पर ही आपको इतना दर्द महसूस होता है तो यह 10 सालों से आखिर किस तरह से नागा साधु इस चमत्कारी बाबा ने अपने हाथ को उठाया हुआ है और बन गए हैं एक उर्द बाहू यह तो रहे महाकुंभ के तीन चमत्कारी और शक्तिशाली बाबा।
लेकिन बहुत सारे ऐसे चम चमत्कारी बाबा भी हैं जिनकी चमत्कारी शक्ति को देखकर और उनके बारे में सुनकर आपके भी यकीनन होश उड़ जाएंगे कहते हैं महाकुंभ में एक ऐसे बाबा भी हैं जो अपने लिंग से 500 किलो तक का वजन खींच सकते हैं सिर्फ यही नहीं एक ऐसे नागा साधु भी हैं जो 61 कलश ठंडे पानी से सुबह-सुबह नहाते हैं गर्मियों में तो फिर भी चलता है।
लेकिन सर्दियों के मौसम में 61 कलश ठंडे पानी से नहाना कोई आसान बात नहीं और इनमें से एक ऐसे चमत्कारी बाबा भी हैं जिन्होंने अपने पूरे शरीर पर 35 किलो के रुद्राक्ष का वजन धारण किया हुआ है और इसीलिए इन्हें रुद्राक्ष बाबा के नाम से भी जाना जाता है हाल फिलहाल प्रयागराज में महाकुंभ का मेला चल रहा है जहां ना सिर्फ भारत बल्कि देश विदेश के लोग भी बड़ी दूर-दूर से आ रहे हैं भक्ति और आस्था के इस संगम को देखने और इसका लुफ्त उठाने और अपनी आस्था को और बढ़ाने के लिए हर कोई प्रयागराज का रुख कर रहा है
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