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-: Nostradamus Biography :-
नास्त्रेदमस 16वीं सदी के एक फ्रांसीसी ज्योतिषी और चिकित्सक थे उनकी भविष्यवाणियों ने उन्हें उनके जीवन काल के दौरान और उसके बाद भी जबरदस्त प्रसिद्धि दिलाई 1566 में उनकी मृत्यु के बाद से सदियों से लोग मानते हैं कि उन्होंने इतिहास की कई महत्त्वपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी की थी इनमें फ्रांसीसी क्रांति, 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले और यहां तक कि 2020 की कोरोना वायरस महामारी तक शामिल है।
उनकी प्रसिद्ध पुस्तक द प्रोफेसी 1555 में प्रकाशित हुई थी इसमें 942 रहस्यमय कविताओं के माध्यम से उन्होंने आने वाली घटनाओं को लिखा यही पुस्तक उन्हें दुनिया भर में प्रसिद्धि दिलाने का कारण बनी नास्त्रेदमस ने दावा किया था कि दुनिया का अंत वर्ष 3797 में होगा उनकी भविष्यवाणियां आज भी रहस्य बनी हुई हैं और उनकी कविताओं की व्याख्या करने के प्रयास आज भी जारी हैं यह कहना गलत नहीं होगा कि नास्त्रेदमस की कहानी इतिहास रहस्य और मानव कल्पना का अद्भुत संगम है।
नास्त्रेदमस कौन थे
नास्त्रेदमस का जन्म 14 या 21 दिसंबर 1503 को फ्रांस के दक्षिण में सेंट रेमी दी प्रोविंस में हुआ उनका असली नाम था मिशेल द नोस्ट्राडेमस रेनिएरे डी सेंट-रेमी और उनके पति जैम दे नोस्ट्राडेमस जो यहूदी वंश के एक संपन्न अनाज व्यापारी और पार्ट टाइम नोटरी थे उनके नौ बच्चों में से एक थे उनके दादा गाय गैसो निट ने लगभग आधी सदी पहले कैथोलिक धर्म अपना लिया था और परिवार का नाम बदलकर नोस्ट्राडेमस रख लिया ताकि धार्मिक जांच प्रक्रिया के दौरान धार्मिक उत्पीड़न से बचा जा सके।
उनके बचपन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है लेकिन प्रमाण बताते हैं कि वे बेहद बुद्धिमान थे और पढ़ाई में बहुत तेजी से प्रगति कर रहे थे उनकी शुरुआती शिक्षा उनके नाना जीन डे सेंट रेमी द्वारा की गई जिन्होंने नास्त्रेदमस की बुद्धिमत्ता और क्षमता को पहचाना इस दौरान उन्हें लैटिन, ग्रीक, हिब्रू और गणित की मूल बातें सिखाई गई माना जाता है कि उनके दादा ने उन्हें यहूदी परंपरा के प्राचीन संस्कारों और ज्योतिष की शिक्षाओं से भी परिचित कराया था।
यहीं से नास्त्रेदमस को पहली बार यह एहसास हुआ कि आकाशीय घटनाएं मानव भाग्य को कैसे प्रभावित कर सकती हैं दरअसल उनकी शुरुआती शिक्षा ने उनकी सोच और उनके भविष्य वक्ता बनने की नीव रखी थी 14 साल की उम्र में नास्त्रे ने चिकित्सा की पढ़ाई के लिए एविग्नन विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया लेकिन ब्यू बनिक प्लेग के प्रकोप के कारण उन्हें केवल एक वर्ष के भीतर ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
उनके अनुसार इस दौरान उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की यात्रा की हर्बल उपचारों पर शोध किया और एक चिकित्सक या वैद के रूप में भी काम किया 1522 में उन्होंने चिकित्सा में डॉक्टरेट पूरा करने के लिए मोंटपेलियर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया नास्त्रेदमस कैथोलिक पादरियों की कुछ शिक्षाओं के भी खिलाफ थे खासकर जब उन्होंने उनकी ज्योतिष की धारणाओं को खारिज कर दिया था।
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कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार विश्वविद्यालय के अधिकारियों को उनके दवाई विक्रेता के रूप में पिछले अनुभव का पता चला इसके आधार पर उन्हें विश्वविद्यालय से निष्कासित करने का विचार किया गया क्योंकि विश्वविद्यालय ऐसे किसी भी व्यक्ति के प्रति नकारात्मक द्रष्टिकोण रखता था जो मैनुअल ट्रेड माने जाने वाले कार्यों में शामिल रहा हो 1525 में उन्हें मेडिकल प्रैक्टिस करने का लाइसेंस प्राप्त हुआ इसी समय उन्होंने अपना नाम नोस्ट्राडेमस से बदलकर नास्त्रेदमस कर लिया था जो उस समय के मध्य युगीन शिक्षाविदों की प्रथा थी।
प्लेग के प्रकोप के दौरान नास्त्रेदमस के कार्य
अगले कुछ वर्षों में नास्त्रेदमस ने फ्रांस और इटली की यात्रा की वहां वे प्लेग पीड़ितों का इलाज कर रहे थे उस समय प्लेग का कोई ज्ञात उपचार नहीं था अधिकतर डॉक्टर पारे यानी कि मरकरी से बनी दवाओं ब्लड लेटिंग यानी कि खून निकालने की प्रक्रिया और मरीजों को लहसुन में भिगोए हुए वस्त्र पहनाने जैसे तरीकों पर निर्भर थे वहीं नास्त्रेदमस ने प्लेग से निपटने के लिए कुछ अत्यधिक प्रगतिशील तरीकों का विकास किया।
उन्होंने अपने मरीजों का खून नहीं निकाला बल्कि सफाई पर जोर दिया और संक्रमित शवों को शहर की सड़कों से हटाने की सलाह दी उन्होंने एक खास रोज पिल भी बनाई जो कि एक हर्बल लोज यानी कि गोलियां थी और इसे रोज हिप्स से बनाया गया था जो विटामिन सी से भरपूर होती थी यह प्लेग के हलके मामलों में कुछ राहत देती थी ना दमस की उपचार दर काफी प्रभावशाली थी।
हालांकि इसका अधिकांश श्रेय उनके मरीजों को साफ सुथरा रखने कम वसा वाले आहार देने और ताजी हवा में रखने को दिया जाता है समय के साथ नास्त्रेदमस अपनी उपचार पद्धतियों के लिए स्थानीय सेलिब्रिटी बन गए और उन्हें प्रोविंस के नागरिकों से वित्तीय सहायता मिलने लगी 1531 में उन्हें दक्षिण पश्चिमी फ्रांस के एजन में उस समय के एक प्रमुख विद्वान जूल्स सिजर्स कॉलेजर के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया गया।
वहां उनकी शादी हुई और अगले कुछ वर्षों में उनके दो बच्चे भी हुए लेकिन 1534 में जब वे एक चिकित्सा मिशन के लिए इटली में थे उनकी पत्नी और बच्चों की मौत हो गई कहा जाता है कि उनकी मौत प्लेग के कारण हुई अपने पत्नी और बच्चों को ना बचा पाने के कारण नास्त्रेदमस समाज और अपने संरक्षक इस्कोलिजर की नजरों में बदनाम हो गए यह घटना उनके जीवन का एक बड़ा झटका साबित हुई।
नास्त्रेदमस और रहस्यमय विद्याए
1538 में नास्त्रेदमस द्वारा धार्मिक मूर्ति पर की गई एक टिप्पणी के कारण उन पर धर्म भ्रष्ट के आरोप लगाए गए जब उन्हें इनक्विजिशन के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया तो उन्होंने समझदारी से फैसला करते हुए प्रोविंस छोड़ दिया और अगले कुछ वर्षों तक इटली, ग्रीस और तुर्की की यात्रा की इस दौरान नास्त्रेदमस ने कुछ प्राचीन रहस्यमय स्थानों का भी दौरा किया ऐसा माना जाता है कि इन्हीं स्थानों पर नास्त्रेदमस को आध्यात्मिक जागृति का अनुभव हुआ।
नास्त्रेदमस से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार इटली में उन्होंने एक बार फ्रांसिस्क भिक्षुओं के एक समूह से मुलाकात की और उनमें से एक को भविष्य का पोप बताया इस भिक्षु का नाम था फेलिस प्रेती जो कि आगे चलकर 1585 में पोप सिक्स फिफ्थ बने और नास्त्रेदमस की यह भविष्यवाणी सच साबित हुई जब उन्हें लगा कि इनक्विजिशन का खतरा अब टल गया है तो नास्त्रेदमस फ्रांस लोटआये और प्लेग के पीड़ितों का इलाज करना फिर से शुरू किया।
1547 में उन्होंने अपने गृह नगर सिलन द प्रोविंस में बसने का फैसला किया और एक अमीर विधवा एनी पुन सारदे से शादी की उनके छह बच्चे हुए तीन लड़के और तीन लड़कियां इस समय तक नास्त्रेदमस ने चिकित्सा विज्ञान पर दो पुस्तकें भी प्रकाशित की थी इनमें से एक गैलिन नाम के रोमन चिकित्सक की पुस्तक का अनुवाद थी और दूसरी थी THE TRAITE DES FARDEMENS जो कि एक मेडिकल रेसिपी बुक थी इस बुक में प्लेग के इलाज कॉस्मेटिक्स मिठाइयों जैम और यहां तक कि प्रेम औषधि तैयार करने के लिए रेसिपीज दी गई थी।
सलोन में बसने के कुछ वर्षों बाद नास्त्रेदमसने चिकित्सा से हटकर रहस्यमय विद्याओं की ओर अधिक झुकाव दिखाना शुरू कर दिया कहा जाता है कि वह रात में अपने अध्ययन कक्ष में घंटों तक पानी और जड़ी बूटियों से भरे कटोरे के सामने ध्यान लगाते रहते थे यह ध्यान उन्हें समाधि की अवस्था में ले जाता था और उन्हें दृष्टि यानी कि कुछ विजनस दिखाई देने लगे माना जाता है कि उनकी भविष्यवाणियां इन्हीं विजंस पर आधारित थी।
1550 में नास्त्रेदमस ने अपने पहले ज्योतिषी पंचांग यानी कि अलमानेक को लिखा जिसमें आने वाले वर्ष की जानकारी और भविष्यवाणियां थी उस समय पंचांग बहुत लोकप्रिय थे क्योंकि वे किसानों और व्यापारियों के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करते थे और साथ ही स्थानीय लो कथाओं और मनोरंजक भविष्यवाणियों का समावेश करते थे नास्त्रेदमस को जो कुछ भी दिखता उन्होंने उसको लिखना शुरू कर दिया।
उन्होंने अपने विजंस को अपने पहले पंचांग में शामिल किया इस प्रकाशन को बहुत सराहना मिली और नास्त्रेदमस का नाम पूरे फ्रांस में फैल गया इस सफलता ने उन्हें और भी अधिक लिखने के लिए प्रेरित किया 1554 तक नास्त्रेदमस के विजनस उनके पंचांग का अभिन्न हिस्सा बन चुकी थी उन्होंने अपनी पूरी ऊर्जा एक विशाल कृति की ओर केंद्रित करने का निर्णय लिया जिसका प्रारंभिक नाम सेंचुरी रखा गया।
उन्होंने इसके 10 खंड लिखने की योजना बनाई जिनमें अगले 2000 वर्षों की 100 भविष्यवाणियां शामिल थी 1555 में उन्होंने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक लेस प्रोफेसी प्रकाशित की जिसे द प्रोफेसी भी कहा जाता है यह उनकी प्रमुख और दीर्घकालिक भविष्यवाणियों का संग्रह था दरअसल धार्मिक उत्पीड़न के खतरे को भांपते हुए उन्होंने अपनी भविष्यवाणियों को छिपाने के लिए एक अनूठा उपाय निकाला उन्होंने चतुष्पथी का उपयोग किया।
चार पंक्तियों की तुक बंद कविताएं और इनमें ग्रीक इटालियन लैटिन और प्रोविंस जो कि फ्रांस के दक्षिण की एक बोली थी जैसी भाषाओं का मिश्रण किया आश्चर्यजनक रूप से नास्त्रेदमस का वेटिकन के साथ अच्छा संबंध रहा ऐसा माना जाता है कि उन्होंने कभी भी जादू के अभ्यास में अपनी लेखनी का उपयोग नहीं किया था जिसके कारण उन्हें इनक्विजिशन द्वारा धर्म भ्रष्ट के आरोपों का सामना नहीं करना पड़ा पुनर्जागरण काल के दौरान उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ी और वे उस युग के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक बन गए।
हालांकि उनकी भविष्यवाणियों को लेकर विवाद भी हुआ कुछ लोगों ने उन्हें शैतान का सेवक कहा जबकि कुछ ने उन्हें फर्जी या पागल बताया लेकिन इससे कहीं अधिक लोग उनकी भविष्यवाणियों को आध्यात्मिक रूप से प्रेरित मानते थे नास्त्रेदमस की द प्रोफेसी ने उनकी रहस्यमय छवि को और मजबूत किया और उन्हें इतिहास के सबसे महान भविष्य वक्ताओं में से एक बना दिया।
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नास्त्रेदमस की बढ़ती प्रसिद्धि ने उन्हें यूरोप के एलीट वर्ग का एक हाई डिमांडिंग सहयोगी बना दिया कैथरीन द मेडिसी जो फ्रांस के राजा हेनरी द्वितीय की पत्नी थी। उनकी सबसे बड़ी प्रशंसकों में से एक थी जब उन्होंने 1555 के पंचांग में अपने परिवार के लिए संभावित खतरों के संकेत पढ़े तो उन्होंने नास्त्रेदमस को पेरिस बुलवाया जहां उनसे इन भविष्यवाणियों की व्याख्या करने और अपने बच्चों के लिए राशिफल बनाने को कहा गया कुछ वर्षों बाद कैथरीन ने उन्हें राजा हेनरी के दरबार में सलाहकार और शाही चिकित्सक के पद पर नियुक्त कर दिया।
रानी कैथरीन अपने परिवार और फ्रांसीसी राजशाही के भाग्य के बारे में नास्त्रेदमस की भविष वाणि में विशेष रूप से रुचि रखती थी नास्त्रेदमस ने उनके बेटे किंग चार्ल्स नाइंथ के लिए कुंडली भी बनाई थी जिसमें कथित तौर पर युवा राजा के छोटे जीवन की भविष्यवाणी की गई थी और उनके शासनकाल में होने वाली उथल पुथल का संकेत भी दिया गया था 1556 में इस भूमिका में काम करते हुए।
नास्त्रेदमस ने सेंचुरी फर्स्ट में की गई एक भविष्यवाणी की व्याख्या की जो माना जाता है कि राजा हेनरी पर लागू होती थी इस भविष्यवाणी में बताया गया था कि एक युवा शेर युद्ध के मैदान में एक वृद्ध शेर को हरा देगा युवा शेर वृद्ध शेर की आंख में वार करेगा जिससे वह क्रूर मौत मरेगा नास्त्रेदमस ने राजा को चेतावनी दी थी कि उन्हें सेरेमोनियल भाले बाजी यानी जॉस्टिंग से बचना होगा 3 साल बाद 41 वर्षीय राजा हेनरी की मृत्यु एक जॉस्टिंग के मैच के दौरान ही हुई।
उनके प्रतिद्वंदी का भाला राजा के वाइजर को भेद हुए उनकी आंख से मस्तिष्क में गहराई तक चला गया हेनरी ने 10 दिन तक दर्दनाक पीड़ा झेली और अंततः संक्रमण के कारण उनकी मृत्यु हो गई नास्त्रेदमस ने कहा कि उनकी प्रिडिक्शंस ज्यूडिशियल एस्ट्रोलॉजी पर बेस्ड थी जो प्लेनेट और स्टार्स की पृथ्वी के साथ रिलेटिव पोजीशन की कैलकुलेशन से फ्यूचर इवेंट्स प्रिडिक्ट करने की एक आर्ट है ।
उनके सोर्सेस में क्लासिकल हिस्टोरियंस जैसे प्लूट और मिडिवल क्रॉनिकल्स शामिल थे जिनके लेखन को उन्होंने अपने काम में बहुत ही सम्मान के साथ इस्तेमाल किया था। कई विद्वानों का मानना है कि नास्त्रेदमस ने प्राचीन संसार के अंत से जुड़ी भविष्य वाणि हों को अपने शब्दों में ढाला और फिर ज्योतिषीय गणना के माध्यम से इन घटनाओं को भविष्य में स्थानांतरित कर दिया हालांकि सभी लोग नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों से प्रभावित नहीं थे।
उस समय के पेशेवर ज्योतिषियों ने उनकी आलोचना की और उन्हें बेकार करार दिया फिर भी नास्त्रेदमस की प्रोफेसी ने उनकी रेपुटेशन को एक महान मिस्टीक और विजनरी के रूप में एस्टेब्लिश किया नास्त्रेदमस ने अपने जीवन के अधिकांश समय गठिया और अर्थराइटिस से पीड़ित होकर बिताया उनके जीवन के अंतिम वर्षों में यह समस्या एडिमा या ड्रॉप्सी में बदल गई।
नास्त्रेदमस द्वारा अपने जीवन काल में लिखी गई अधिकांश क्वाट्रेंस आपदाओं से संबंधित थी जैसे भूकंप, युद्ध, बाढ़, आक्रमण, हत्याएं, सूखा, लड़ाइयां और महामारियाँ, नास्त्रेदमस के पसंस्को ने उन्हें फ्रान्सी क्रांति, नपोलियन और हिटलर का उदय, परमाणु भम का विकास, जॉन एफ केनेडी की हत्या और 11 सितंबर 2001 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले जैसी ऐतिहासिक घटनाओं की भविष्यवाणी करने का श्रेय दिया है।
हाल के वर्षों में यह दावा किया गया है कि नास्त्रेदमस ने कोविड-19 महामारी के उदय की भी भविष्यवाणी की थी नास्त्रेदमस की लोकप्रियता का एक कारण यह भी माना जाता है कि उनकी लेखनी की अस्पष्टता और तारीखों की अनुपस्थिति उन्हें चयनात्मक व्याख्या का अवसर देती हैं किसी भी घटना के बाद उनकी क्वाट्रेंस को पीछे मुड़कर देखकर सटी ठहराया जा सकता है।
कुछ विद्वानों का मानना है कि नास्त्रेदमस भविष्यवक्ता बनने के लिए नहीं लिख रहे थे बल्कि अपने समय और उसके लोगों पर टिप्पणी कर रहे थे फिर भी उनकी विधि और इरादे चाहे जो भी रहे हो नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां आज भी उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है जो जीवन के कठिन सवालों के उत्तर खोजने की कोशिश करते हैं उनकी समकालीन और कालातीत भविष्यवाणियां उन्हें इतिहास के सबसे रहस्यमय व्यक्तियों में से एक बनाती है।
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