-: शिवसम्भवम :-
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के गौरवशाली आयोजन 19 वॉ अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2024 “शिवसम्भवम” की चतुर्थ संध्या में दीपप्रज्जवलन के पश्चात कार्यक्रम में चौथें शनिवार को कोलकाता के श्री सागर मोरनकर व श्री प्रसन्ना विश्वनाथन के शास्त्रीय ध्रुपद गायन, कोलकाता के श्री मानब परई के एकल कथक तथा श्रीमती पल्लवी किशन के निर्देशन में प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा की समूह कथक नृत्य की प्रस्तुतियां हुई।
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महोत्सव की प्रथम प्रस्तुति में कोलकाता के कोलकाता के श्री सागर मोरनकर व श्री प्रसन्ना विश्वनाथन के शास्त्रीय ध्रुपद गायन का प्रारंभ राग शंकरा के आलाप विलंबित-मध्य-द्रुतलय से किया। उसके पश्यात सूल ताल 10 मात्रा में निबद्ध बंदिश प्रथम आदि शिव-शक्ति नाद परमेश्वर की प्रस्तुति के उपरांत राग शिवरंजनी में उनके गुरु पं.श्री उदय भवालकर द्वारा निबद्ध शिव पंचाक्षर स्तोत्र नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय की प्रस्तुति के उपरांत प्रस्तुति के अंत में समापन राग अडाना में ध्रुपद की पारंपरिक बंदिश शिव-शिव शंकर आदि देव शंकर भोलेनाथ से की आपके साथ पखावज पर श्री संजय अगले एवं तानपुरा पर सुश्री रोहिणी श्री कुमार ने संगत दी।
इसके बाद दूसरी प्रस्तुति कोलकता के श्री मानब परई की हुई। जिसमे श्री मानब ने प्रस्तुति का प्रारंभ शिव स्तुति शीशधार तिलक भाल गंगा जटा पर से किया। उसके बाद ताल पक्ष में ताल तीनताल में पारंपरिक बंदिशें, उठान, परण, आमद, तिहाई, कवित्त, तोड़े, टुकड़े, बंदिशें और गत निकास आदि की प्रस्तुति के उपरान्त सवाल-जवाब की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति का समापन शिव भजन धीमिक-धीमिक डमरू बाजे, प्रेम मगन में नाचे रे भोले से किया। श्री मानब परई के साथ संगत कलाकारों में हारमोनियम पर डॉ.अरिंदम भट्टाचार्य, तबला व पढंत पर श्री दत्त भट्टाचार्य, पखावज पर श्री आशीष गंगानी, सारंगी पर श्री उमेश मिश्र ने संगत की।
श्रावण महोत्सव की चतुर्थ संध्या की अंतिम प्रस्तुति श्रीमती पल्लवी किशन के नृत्य निर्देशन में प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा की समूह कथक नृत्य की हुई। प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन ने अपनी प्रस्तुति का प्रारंभ शिव स्तुति जय महेश जटाजूट से किया। उसके पश्यात संस्था की नृत्यांगना सुश्री जान्हवी तैलंग ने रुद्राष्टकम की प्रस्तुति दी। उपशास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति में राग मेघमल्हार तराना की प्रस्तुति दी गई। उसके पश्यात संस्था की नृत्यांगना सुश्री जयवी व्यास द्वारा शुद्ध कथक ताल तीनताल में निबद्ध तोड़े, टुकड़े, परन, पद संचालन आदि की प्रस्तुति दी गई| प्रस्तुति का समापन चंतुरंग से किया।
आपके साथ हारमोनियम एवं गायन श्री सी.एल.शिवालिया, गायन पर श्रीमती अर्चना तिवारी, तबला पर श्री विनायक शर्मा, सितार पर श्री दिलीप फड़के, सह वाद्य पर श्री कुमार किशन, ताल वाद्य पर श्री राकेश पंडित ने संगत की। तकनीकी सहयोगश्री सिद्धार्थ किशन एवं शांतनु भागचंदानी का रहा। प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा समूह कथक की प्रस्तुति में सुश्री जान्हवी तेलंग, सुश्री जयवी व्यास, सुश्री पहल उपाध्याय, सुश्री नैना सिंह सोलंकी, सुश्री कृति भार्गव, सुश्री रवीना परमार, सुश्री अनुष्का सोलंकी, सुश्री पलक सोनी, सुश्री रिद्धि सोनी, सुश्री ईशान्वी राठौर, सुश्री रिद्धिमा खंडेलवाल, सुश्री काशवी नागर, सुश्री कावेरी कश्यप, सुश्री सिद्धि राठौर, सुश्री निष्ठा शर्मा, सुश्री स्तुति खत्री, सुश्री हिया रामानी, सुश्री आस्था मेहर व लकी राठौर, ने प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि बैंक ऑफ बडोदा के शाखा प्रबंधक श्री मनीष कुमार एवं श्रीमती सपना सेन सहित श्रावण महोत्सव के कलाकारों द्वारा किया गया। दीपप्रज्जवलन के पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर सम्मान किया गया। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे सभी कलाकारों एवं सहयोगी कलाकारों का दुपट्टा, प्रसाद व स्मृति चिन्ह़् देकर स्वागत व सम्मान किया गया। मंच संचालन श्री दीपक कोडापे द्वारा किया गया।
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